"बर्बाद गुलिस्ताँ करने को बस एक ही उल्लू काफ़ी था हर शाख़ पे उल्लू बैठा है अंजाम-ए-गुलिस्ताँ क्या होगा " :- शौक़ बहराइची
संग का रंगजाता नहीं है।
सत्त के पत्तो पे एक तरफ़ अलग अलग जानवरो की फोटो हो सकती है पर दूस्री तरफ़ तो वही ताश के ५२ पत्ते होते हैउन्को फ़ेन्ट भी लो तो भी वो वही ५२ पत्ते रह्ते है.
bahut badhiya...
avinaaash ji bahut hee sateek likhaa hai .mai gad gad ho gayaa. uchch koti kee kavitaa.dhanyavaad sweekaren.
सत्ता की होती है ये ख़ास बात जो बैठ जाता है ,एक बार उसके रंग में रंग जाता है कव्वा हो या कबूतर कुर्सी के संग हो जाता है ....
हां वे नहीं थे सफेद कबूतरउन पर कव्वों का था असरसफेद को बुलाओ तो आ जायेगाजंगली है नदेश को ही खा जायेगा
संग का रंग
जवाब देंहटाएंजाता नहीं है।
सत्त के पत्तो पे एक तरफ़ अलग अलग जानवरो की फोटो हो सकती है पर दूस्री तरफ़ तो वही ताश के ५२ पत्ते होते है
जवाब देंहटाएंउन्को फ़ेन्ट भी लो तो भी वो वही ५२ पत्ते रह्ते है.
bahut badhiya...
जवाब देंहटाएंavinaaash ji bahut hee sateek likhaa hai .mai gad gad ho gayaa. uchch koti kee kavitaa.dhanyavaad sweekaren.
जवाब देंहटाएंसत्ता की होती है ये ख़ास बात
जवाब देंहटाएंजो बैठ जाता है ,एक बार
उसके रंग में रंग जाता है
कव्वा हो या कबूतर
कुर्सी के संग हो जाता है ....
हां वे नहीं थे सफेद कबूतर
जवाब देंहटाएंउन पर कव्वों का था असर
सफेद को बुलाओ तो आ जायेगा
जंगली है न
देश को ही खा जायेगा