गिरते मकान को चूहे भी छोड़ देते सभी ।
अब इस दिल में कोइ नहीं रहता यारो ।।
चार दिन की चाँदनी बन के आयी थी वो कभी ।
उन भीगी यादों को अब कहां सम्भालूं यारो ।।
खून से सींच कर बनाया था इस दिल को आशियां ।
अंधेरा मिटाने को फिर दिल जला दिया यारो ।।
अपने हालात पे अब यूं भी रोना नहीं आता ।
जब था रोशन ये मकां बहुत नाम था इसका यारो ।।
सजने सवरने खुशफहम रहने के दिन उनके हैं अभी ।
वो जन्नत में रहें दोजख से ये दिखता रहे यारो ।।
अपनी आहों से सवारूंगा फिर से ये मकां ।
तुम भी कुछ मदद कुछ दुआ करो यारो ।।
अब इस दिल में कोइ नहीं रहता यारो ।।
चार दिन की चाँदनी बन के आयी थी वो कभी ।
उन भीगी यादों को अब कहां सम्भालूं यारो ।।
खून से सींच कर बनाया था इस दिल को आशियां ।
अंधेरा मिटाने को फिर दिल जला दिया यारो ।।
अपने हालात पे अब यूं भी रोना नहीं आता ।
जब था रोशन ये मकां बहुत नाम था इसका यारो ।।
सजने सवरने खुशफहम रहने के दिन उनके हैं अभी ।
वो जन्नत में रहें दोजख से ये दिखता रहे यारो ।।
अपनी आहों से सवारूंगा फिर से ये मकां ।
तुम भी कुछ मदद कुछ दुआ करो यारो ।।
nice shayari Sir
जवाब देंहटाएंचूहों की बात निराली है
जवाब देंहटाएंवे नहीं छोड़ेंगे तब भी
दबकर तो मरने से रहे
5वां दिन भी लाओ
चांदनी का हुजूर
भीगी यादें वहीं
संभाली जाती हैं
दिल को खून से सींचते हो
फिर आग से जला देते हो
बड़े खूनी हो खून को आग
लगाकर बुझा देते हो।
चूहों से कहूंगा वे न भागा करें
उनके बिलों को खतरा कोई नहीं है।
वाह वाह
जवाब देंहटाएंआनंद आ गया
बहुत बेहतरीन रचना
uttam ati uttam sir jee
जवाब देंहटाएंवाह बहुत खुब। लाजवाब रचना, बधाई
जवाब देंहटाएंअच्छे है भाव..लिखते रहें और शिल्प पर मेहनत करें.
जवाब देंहटाएंbadhiya likha hai...
जवाब देंहटाएंwah bhaut khoob ....maja aa gaya.
जवाब देंहटाएंaapne meri k rachna Nari par comment dia hai parantu vo blog ab nahi hai kripya apne bahumulya comments yahan den.abhari rahungi..bahut shukriya.
http://shikhakriti.blogspot.com/
bahut achchha bade bhai
जवाब देंहटाएंकल 27/अगस्त/2014 को आपकी पोस्ट का लिंक होगा http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर
जवाब देंहटाएंधन्यवाद !
ाच्छी रचना 1
जवाब देंहटाएंसुन्दर...
जवाब देंहटाएंबेहतरीन
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