उलूक टाइम्स: परिचय

शनिवार, 12 सितंबर 2009

परिचय

कुत्ता होता मैं
धोबी का छोड़ कर किसी का भी होता

कहते हैं कुत्ता वफादार होता है

अगर मैं कुत्ता होता तो क्या वफादार होता ?
ये अलग प्रश्न है

थोड़ी देर के लिये सही 
कुत्ता होने मे भी क्या परेशानी है ?

पूंछ हिलाता जीभ लपलपाता
डांठ पड़ने पर पूंछ अपनी दबाता

काश ! सब कुत्ते होते 

सब कुत्ते होते तो फिर आदमी का क्या होता ?

तब शायद मुहावरा बनता
कुत्ते का आदमी वफादार होता है

आदमी बिन कुत्ता और कुत्ते बिन आदमी जंचता नहीं
कुत्ते भी रहें और आदमी भी
पर
कुत्ता बनने की प्रायिकता ज्यादा हो जाये

दोनो नहीं होंगे 
तो आदमी कुत्ते को डांठेगा कैसे ?
और कुत्ता भीआदमी को काटेगा कैसे ?

फिर भी समझने की बात है 
आदमी चाह रहा है एक कुत्ता बनना
क्योंकि आदमी चाहता है 
पर काट नहींं पाता है 

और कुत्ता आदमी की मौत नहींं मरता है 

इन सब के बावजूद भी 
काश ! मैं एक कुत्ता होता 

नजर आता है
कुत्ता उनकी आगोश में सोता है

आदमी आगोश में होता है तो होश खोता है

आदमी का कुत्ता खुशनसीब है
कुत्ते का आदमी बदनसीब है

फिर भी आओ क्यों ना सब कुत्ते बन जायें

और आदमी से वफादारी निभायें 
बतायें
कुत्ता हिन्दू नहीं होता है कुत्ता मुस्लिम नहीं होता है
कुत्ता क्षत्रिय नहीं होता है कुत्ता ब्राह्मिन नहीं होता है
और तो और कुत्ते का रिसरवेशन नहीं होता है 

काश ! कुत्ता होता मैं और मुहावरा होता
कुत्ते का आदमी वफादार होता है ।

चित्र साभार: www.clipartpanda.com

14 टिप्‍पणियां:

  1. सर्वप्रथम तो आपके ब्‍लॉग जगत में पदार्पण पर बधाई।
    आज का दिन वैसे भी ऐतिहासिक है क्‍योंकि फरीदाबाद में ब्‍लॉगर स्‍नेह महासम्‍मेलन का आयोजन हुआ।
    दूसरा आपने इतनी सुंदर अभिव्‍यक्ति दी।
    हम न कहते थे कि आप
    उल्‍लू नहीं है
    उल्‍लू बनाने की कला रखते हैं।

    और डेशबोर्ड की अपने ब्‍लॉग की सैंटिंग में जाकर वर्ड वेरीफिकेशन नो या डिसेबल कर दें।

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  2. lagta hai sab logo ko kutta he ban jana chaheye nd kutto ke hath mai sashan de dena chaheye :)

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  3. kutta aur aadmi...ye dono..to hamari soch hain..ki hum kutte ke tarah sochte hai ya insaan ki tarah..jaisi think hoti hai vaisa hi kaam karne lagte hain..kavita acchi hai..par agar samajh aa jaye tab iska kuch fayada hai..

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  4. lagta he kaafi khaali samay he ab aapke paas. suspend ho gaye kya bade bhai..vaise achchha likha he kash main kutta hota. to kitna khushnaseeb hota

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  5. apki is kavita ko padne ke liye ek saaf soch honi chahiye, kavi ki baaat agar sabke samajh me ajaye to wo kavi kis baat ka, jaise agar insan apni indriyo ko kabu me ker le to wo insan nahi bhagwan kehlata he usi prkar kavi ki baat samajhne wala phir insan na hokar us se uper uth jata he.
    prashant brahman

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  6. आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज बुधवार 04 मार्च 2020 को साझा की गई है...... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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  7. आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" सोमवार 28 सितम्बर 2020 को साझा की गयी है............ पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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  8. काश ! कुत्ता होता मैं और मुहावरा होता
    कुत्ते का आदमी वफादार होता है । शुरुआत ही बेमिशाल - - नमन सह।

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