वो अब हर बात में पैमाना ढूंढते हैं
मंदिर भी जाते हैं तो मयखाना ढूंढते हैं ।
मुहल्ले के लोगों को अब नहीं होती हैरानी
जब शाम होते ही सड़क पर आशियाना ढूंढते हैं ।
पहले तो उनकी हर बात पे दाद देते थे वो
अब बात बात में नुक्ताचीनी का बहाना ढूंढते हैं ।
जब से खबर हुवी है उनकी बेवफाई की
पोस्टमैन को चाय पिलाने का बहाना ढूंढते हैं ।
तारे तक तोड़ के लाने की दीवानगी थी जिनमें
बदनामी के लिये अब उनकी एक कारनामा ढूंढते हैं ।
उनकी शराफत के चरचे आम थे हर एक गली में
अब गली गली मुंह छुपाने का ठिकाना ढूंढते हैं ।
मंदिर भी जाते हैं तो मयखाना ढूंढते हैं ।
मुहल्ले के लोगों को अब नहीं होती हैरानी
जब शाम होते ही सड़क पर आशियाना ढूंढते हैं ।
पहले तो उनकी हर बात पे दाद देते थे वो
अब बात बात में नुक्ताचीनी का बहाना ढूंढते हैं ।
जब से खबर हुवी है उनकी बेवफाई की
पोस्टमैन को चाय पिलाने का बहाना ढूंढते हैं ।
तारे तक तोड़ के लाने की दीवानगी थी जिनमें
बदनामी के लिये अब उनकी एक कारनामा ढूंढते हैं ।
उनकी शराफत के चरचे आम थे हर एक गली में
अब गली गली मुंह छुपाने का ठिकाना ढूंढते हैं ।
जब से आप आए हैं इस ब्लॉग जगत में
जवाब देंहटाएंहम आपको दिन में देखने का बहाना ढूंढते हैं ...
वो अब हर बात में पैमाना ढूंढते हैं
जवाब देंहटाएंमंदिर भी जाते हैं तो मयखाना ढूंढते हैं ।
०बहुत सही.
wah! bahut he badhiya
जवाब देंहटाएंnice
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंyah bhi kya baat kahi aapane
जवाब देंहटाएंमंदिर भी जाते हैं तो मयखाना ढूंढते हैं ।
main to use saccha maikash kahunga..very originial.
aur mazak mein badi gahri baat kah gaye aap
जब से खबर हुवी है उनकी बेवफाई की
पोस्टमैन को चाय पिलाने का बहाना ढूंढते हैं ।
behatareen!!!
उनकी शराफत के चरचे आम थे हर एक गली में
जवाब देंहटाएंअब गली गली मुंह छुपाने का ठिकाना ढूंढते हैं ।
यह भी खूब रही.
आपको जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनायें !!
जवाब देंहटाएं2-October-2009
वाह वाह!
जवाब देंहटाएंbahut khoob - wah !!
जवाब देंहटाएं- Bhushan
बेहतरीन उलूकबोध........ वाह...
जवाब देंहटाएंbadhiya gazal... kuch kuch baaenin madhushala si... behtreen rachna ke liye badhai... der se hi sahi....
जवाब देंहटाएंबहुत गहरे भाव लिए सुंदर रचना |
जवाब देंहटाएंअच्छा लगा आपके ब्लॉग में पहली बार आना |
इस समूहिक ब्लॉग में पधारें और इस से जुड़ें |
काव्य का संसार
वाह,क्या बात है
जवाब देंहटाएंवो अब हर बात में पैमाना ढूंढते हैं
जवाब देंहटाएंमंदिर भी जाते हैं तो मयखाना ढूंढते हैं ।
बहुत सुंदर खूबसूरत और बेहतरीन. क्या बात है.
बहुत सुन्दर गजल
जवाब देंहटाएंहर शेर बेहतरीन...
बहुत बढ़िया...
:-)
क्या बात है....बस लाजवाब..
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शुक्रवार (12-06-2015) को "उलझे हुए शब्द-ज़रूरी तो नहीं" { चर्चा - 2004 } पर भी होगी।
जवाब देंहटाएं--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक
आभार आदरणीय ।
हटाएंStudy MBBS in Philippines
जवाब देंहटाएंStudents are mostly confused now with all the countries and consultancies offering attractive fees and exaggerating all the conditions available in the universities. When it comes to all the other countries that are offering “study MBBS abroad” for years have their own Pros and cons. Every single student willing to study MBBS abroad should have personal research and a thorough understanding of the various countries and universities in general.
पुराने ब्लॉग पोस्ट पढ़ने का अलग ही मज़ा है। लिखने के लिये अब भी सबसे अच्छी जगह यही है। आर्काइव भी अच्छा है। आते रहेंगे हम भी :)
जवाब देंहटाएं