जब सोच ही
अंधी हो जाती है
सारी दुनियाँ
अपनी जैसी ही
नजर आती है
अफसोस भी
होता है
कोई कैसे किसी
के लिये कुछ
भी सोच देता है
किसी के काम
करने का कोई
ना कोई मकसद
जरूर होता है
उसकी नजर होती है
उसकी सोच होती है
बुरा कोई भी
नहीं होता है
जो कुछ भी होता है
अच्छे के लिये होता है
कुछ भी किसी
के लिये भी
किसी समय भी
कहने से पहले
कोई क्यों नहीं
थोड़ा सोच लेता है
एक उल्टा
लटका हुआ
चमगादड़ भी
उल्टा ही
नहीं होता है
वो भी
सामने वाले सीधे को
उल्टा हो कर ही
देख रहा होता है
‘उलूक’
तेरे लिये
तेरे आस पास
हर कोई गंदगी
बिखेर रहा होता है
सब के चेहरे पे
मुस्कान होती है
देखने वाला भी
खुश हो रहा होता है
बस यहीं पर पता
चल रहा होता है
एक अंधी सोच वाला
अंधेरे को बेकार ही में
कोस रहा होता है
जबकि गंदगी
और कीचड़
बटोरने वाला
हर कोई
आने वाले
समय में कमल
खिलाने की
सोच रहा होता है ।
चित्र साभार: www.cliparthut.com
अंधी हो जाती है
सारी दुनियाँ
अपनी जैसी ही
नजर आती है
अफसोस भी
होता है
कोई कैसे किसी
के लिये कुछ
भी सोच देता है
किसी के काम
करने का कोई
ना कोई मकसद
जरूर होता है
उसकी नजर होती है
उसकी सोच होती है
बुरा कोई भी
नहीं होता है
जो कुछ भी होता है
अच्छे के लिये होता है
कुछ भी किसी
के लिये भी
किसी समय भी
कहने से पहले
कोई क्यों नहीं
थोड़ा सोच लेता है
एक उल्टा
लटका हुआ
चमगादड़ भी
उल्टा ही
नहीं होता है
वो भी
सामने वाले सीधे को
उल्टा हो कर ही
देख रहा होता है
‘उलूक’
तेरे लिये
तेरे आस पास
हर कोई गंदगी
बिखेर रहा होता है
सब के चेहरे पे
मुस्कान होती है
देखने वाला भी
खुश हो रहा होता है
बस यहीं पर पता
चल रहा होता है
एक अंधी सोच वाला
अंधेरे को बेकार ही में
कोस रहा होता है
जबकि गंदगी
और कीचड़
बटोरने वाला
हर कोई
आने वाले
समय में कमल
खिलाने की
सोच रहा होता है ।
चित्र साभार: www.cliparthut.com
एक उल्टा लटका
जवाब देंहटाएंहुआ चमगादड़ भी
उल्टा ही नहीं होता है
वो भी सामने वाले
सीधे को उल्टा हो कर
ही देख रहा होता है
...वाह...बहुत सटीक अभिव्यक्ति..
आभार कैलाश जी।
हटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (13-06-2015) को "जुबां फिसलती है तो बहुत अनर्थ करा देती है" { चर्चा अंक-2005 } पर भी होगी।
जवाब देंहटाएं--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक
आभार आदरणीय ।
हटाएंबहुत खूब
जवाब देंहटाएंआभार ओंकार जी ।
हटाएंलाजवाब
जवाब देंहटाएंआभार हिमकर जी ।
हटाएंसटीक
जवाब देंहटाएंआभार !
हटाएंवाह वाह सर बहुत ही शानदार
जवाब देंहटाएंआभार दिव्या ।
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