किस बात का है रोना कहाँ है कोरोना
सब हैं तो सही और भी मौज में हैं
डर है बस कहीं है खबर में है
डर है बस कहीं है खबर में है
खबर अखबार में है
वीर हैं बहुत सारे हैं सब फौज में हैं
वीर हैं बहुत सारे हैं सब फौज में हैं
दिख नहीं रहा है गिनती कर रहा है
छुपा है घर में और सब की खोज में है
छुपा है घर में और सब की खोज में है
गुलाब उसकी सोच में है
कांटे खुद की सोज में हैं
बात है जो है बस रोज (गुलाब) में है
कांटे खुद की सोज में हैं
बात है जो है बस रोज (गुलाब) में है
समझ सब की अपनी है
बात बस खाली हवा में रखनी है
सच है कहीं है किसी हौज में है
बात बस खाली हवा में रखनी है
सच है कहीं है किसी हौज में है
नाटक जरूरी है
तन्खवाह लेकिन
हर पहली तारीख को
खाते में आना बहुत जरूरी है
तन्खवाह लेकिन
हर पहली तारीख को
खाते में आना बहुत जरूरी है
हस्पताल है
पर्ची है
चिकित्सक है
बिना बिमारी मरी महामारी है
मुर्दे हैं सारे भोज में हैं
पर्ची है
चिकित्सक है
बिना बिमारी मरी महामारी है
मुर्दे हैं सारे भोज में हैं
सब को पता है
हर आदमी
कहां है पूछता फिर रहा है
उसकी मजबूरी है
सोच है नोज (नाक) में है
हर आदमी
कहां है पूछता फिर रहा है
उसकी मजबूरी है
सोच है नोज (नाक) में है
लिखना
‘उलूक’ का
उसकी बीमारी है
इलाज है नहीं
चिकित्सक की कमजोरी है
सारे हैं
सैल्फी की पोज में हैं ।
चित्र साभार: https://www.aegonlif
‘उलूक’ का
उसकी बीमारी है
इलाज है नहीं
चिकित्सक की कमजोरी है
सारे हैं
सैल्फी की पोज में हैं ।
चित्र साभार: https://www.aegonlif