उलूक टाइम्स: घड़ा
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शुक्रवार, 8 जून 2012

चल मुँह धो कर के आते हैं

अपनी भी
कुछ पहचान
चलो आज
बनाते हैं

चल मुँह धो कर के आते हैं

मंजिल तक
पहुंचने के
लम्बे रास्ते
से ले जाते हैं

कुछ
राहगीरों को
आज राह से
भटकाते हैं

चल मुँह धो 
कर के आते हैं

चलचित्र 'ए'
देखने का
माहौल बनाते हैं

उनकी आहट
सुनते ही
चुप हो जाते हैं

बात
बदल कर
गांंधी की
ले आते हैं

चल मुँह धो 
कर के आते हैं

बूंद बूंद
से घड़ा
भर जाये
ऎसा
कोई रास्ता
अपनाते हैं

चावल की
बोरियों में
छेद
एक एक
करके आते हैं

चल मुँह धो 
कर के आते हैं

अन्ना जी से
कुछ कुछ
सीख  कर
के आते हैं

सफेद टोपी
एक सिलवाते हैं

चल मुँह धो कर के आते हैं

किसी के
कंधे की 
सीढ़ी एक
बनाते हैं


ऊपर जाकर
लात मारकर
उसे नीचे
गिराते हैं

सांत्वना देने
उसके घर
कुछ केले ले
कर जाते हैं

चल मुँह धो कर के आते हैं

देश का
बेड़ा गर्क
करने की
कोई कसर
कहीं
नहीं छोड़
कर के जाते हैं

भगत सिंह
की फोटो
छपवा कर के
बिकवाते हैं



चल मुँह धो कर के आते हैं


एक रुपिया
सरकारी
खाते में
जमा करके

बाकी
निन्नानबे
घर अपने
पहुंचवाते हैं



चल मुँह धो कर के आते हैं


अपनी
भी कुछ
पहचान
चलो आज
बनाते हैं

चल मुँह धो कर के आते हैं।