अपनी भी
कुछ पहचान
चलो आज
बनाते हैं
चल मुँह धो कर के आते हैं
मंजिल तक
पहुंचने के
लम्बे रास्ते
से ले जाते हैं
कुछ
राहगीरों को
आज राह से
भटकाते हैं
चल मुँह धो कर के आते हैं
चलचित्र 'ए'
देखने का
माहौल बनाते हैं
उनकी आहट
सुनते ही
चुप हो जाते हैं
बात
बदल कर
गांंधी की
ले आते हैं
चल मुँह धो कर के आते हैं
बूंद बूंद
से घड़ा
भर जाये
ऎसा
कोई रास्ता
अपनाते हैं
चावल की
बोरियों में
छेद
एक एक
करके आते हैं
चल मुँह धो कर के आते हैं
अन्ना जी से
कुछ कुछ
सीख कर
के आते हैं
सफेद टोपी
एक सिलवाते हैं
चल मुँह धो कर के आते हैं
किसी के
कंधे की सीढ़ी एक
बनाते हैं
ऊपर जाकर
लात मारकर
उसे नीचे
गिराते हैं
सांत्वना देने
उसके घर
कुछ केले ले
कर जाते हैं
चल मुँह धो कर के आते हैं
देश का
बेड़ा गर्क
करने की
कोई कसर
कहीं
नहीं छोड़
कर के जाते हैं
भगत सिंह
की फोटो
छपवा कर के
बिकवाते हैं
चल मुँह धो कर के आते हैं
एक रुपिया
सरकारी
खाते में
जमा करके
बाकी
निन्नानबे
घर अपने
पहुंचवाते हैं
चल मुँह धो कर के आते हैं
अपनी
भी कुछ
पहचान
चलो आज
बनाते हैं
चल मुँह धो कर के आते हैं।
कुछ पहचान
चलो आज
बनाते हैं
चल मुँह धो कर के आते हैं
मंजिल तक
पहुंचने के
लम्बे रास्ते
से ले जाते हैं
कुछ
राहगीरों को
आज राह से
भटकाते हैं
चल मुँह धो कर के आते हैं
चलचित्र 'ए'
देखने का
माहौल बनाते हैं
उनकी आहट
सुनते ही
चुप हो जाते हैं
बात
बदल कर
गांंधी की
ले आते हैं
चल मुँह धो कर के आते हैं
बूंद बूंद
से घड़ा
भर जाये
ऎसा
कोई रास्ता
अपनाते हैं
चावल की
बोरियों में
छेद
एक एक
करके आते हैं
चल मुँह धो कर के आते हैं
अन्ना जी से
कुछ कुछ
सीख कर
के आते हैं
सफेद टोपी
एक सिलवाते हैं
चल मुँह धो कर के आते हैं
किसी के
कंधे की सीढ़ी एक
बनाते हैं
ऊपर जाकर
लात मारकर
उसे नीचे
गिराते हैं
सांत्वना देने
उसके घर
कुछ केले ले
कर जाते हैं
चल मुँह धो कर के आते हैं
देश का
बेड़ा गर्क
करने की
कोई कसर
कहीं
नहीं छोड़
कर के जाते हैं
भगत सिंह
की फोटो
छपवा कर के
बिकवाते हैं
चल मुँह धो कर के आते हैं
एक रुपिया
सरकारी
खाते में
जमा करके
बाकी
निन्नानबे
घर अपने
पहुंचवाते हैं
चल मुँह धो कर के आते हैं
अपनी
भी कुछ
पहचान
चलो आज
बनाते हैं
चल मुँह धो कर के आते हैं।
बहुत सुंदर प्रस्तुति,,सुंदर रचना,,,,,,
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