एक मित्र
जब दूर देश
से आकर
मेरे घर पहुँचे
अपनी
जिज्ञासा
को शांत
करने के
लिये पूछ बैठे
भाई
ये रोज रोज
लिखने लिखाने
की बात
आपके
दिमाग में
कब से और
कैसे है आई
कुछ
काम धन्धा
नहीं है क्या
आपके पास
जो इस
फालतू के
काम में भी
आपने अपनी
एक टाँग है अढ़ाई
अब
क्या बतायें
कैसे बतायें तुझे
मेरे भाई
कि एक
करीबी मित्र
श्री श्री 1008
अविनाश वाचस्पति जी
की है ये सारी लगी लगाई
कभी
हो जाते हैं
अन्नाभाई
बहुत मन मौजी हैं
कभी
बन जाते हैं
मुन्नाभाई
पता नहीं
यहीं कहीं
कभी किसी दिन
चार पाँच
साल पहले
कमप्यूटर ने ही
हमारी और उनकी
टक्कर थी करवाई
लिखने
लिखाने के
खुद मरीज हैं पुराने
हमारे
कुछ लिखे को
देख कर
उनके दिमाग में
शायद कोई
खुराफत थी
उस समय चढ़ आई
चढ़ा गये
‘उलूक’ को
झाड़ के पेड़ पर
लिखने लिखाने का
वाईरस
कर गये थे सप्लाई
और
तब से खुद तो
गायब हो गये
नहीं दिये कहीं दिखाई
‘उलूक’
चालू हुआ
तब से रुका नहीं
गाड़ी
की थी उन्होने
लिखने की उसे
बिना ब्रेक के सप्लाई
बहुत
देर हो चुकी
बात बहुत देर से
समझ में है आई
उसके बाद
लिखना
बंद कर दो
जनता
बोर हो चुकी है
लिखी उनकी चिट्ठी
पोस्ट आफिस तक
सुना है पहुँची भी है
पोस्टमैन ने
पता नहीं क्यों
घर तक अभी तक
भी नहीं है पहुँचाई ।
जब दूर देश
से आकर
मेरे घर पहुँचे
अपनी
जिज्ञासा
को शांत
करने के
लिये पूछ बैठे
भाई
ये रोज रोज
लिखने लिखाने
की बात
आपके
दिमाग में
कब से और
कैसे है आई
कुछ
काम धन्धा
नहीं है क्या
आपके पास
जो इस
फालतू के
काम में भी
आपने अपनी
एक टाँग है अढ़ाई
अब
क्या बतायें
कैसे बतायें तुझे
मेरे भाई
कि एक
करीबी मित्र
श्री श्री 1008
अविनाश वाचस्पति जी
की है ये सारी लगी लगाई
कभी
हो जाते हैं
अन्नाभाई
बहुत मन मौजी हैं
कभी
बन जाते हैं
मुन्नाभाई
पता नहीं
यहीं कहीं
कभी किसी दिन
चार पाँच
साल पहले
कमप्यूटर ने ही
हमारी और उनकी
टक्कर थी करवाई
लिखने
लिखाने के
खुद मरीज हैं पुराने
हमारे
कुछ लिखे को
देख कर
उनके दिमाग में
शायद कोई
खुराफत थी
उस समय चढ़ आई
चढ़ा गये
‘उलूक’ को
झाड़ के पेड़ पर
लिखने लिखाने का
वाईरस
कर गये थे सप्लाई
और
तब से खुद तो
गायब हो गये
नहीं दिये कहीं दिखाई
‘उलूक’
चालू हुआ
तब से रुका नहीं
गाड़ी
की थी उन्होने
लिखने की उसे
बिना ब्रेक के सप्लाई
बहुत
देर हो चुकी
बात बहुत देर से
समझ में है आई
उसके बाद
लिखना
बंद कर दो
जनता
बोर हो चुकी है
लिखी उनकी चिट्ठी
पोस्ट आफिस तक
सुना है पहुँची भी है
पोस्टमैन ने
पता नहीं क्यों
घर तक अभी तक
भी नहीं है पहुँचाई ।