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शनिवार, 3 अगस्त 2013

न्यायालय सरकार को सबका मालिक बताई है

ऎ मालिक
तेरे बंदे हम
अगर आज
गा रही होती
नौकरी तेरी
इस तरह हाथ
से नहीं कहीं
जा रही होती
यही बात तो
आज उच्च
न्यायालय
ने समझाई है
वो कभी भी
मालिक और
नौकर के बीच
में नहीं आई है
मालिक बनने के
लिये किस्मत उसने
जब पाई है
जनता जनार्दन ने
ये टोपी उसको
पहनाई है
तेरे को ऎसा
क्या हुआ जो
तू ऎसे से लड़ने
पर उतारू
हो आई है
मेहनत की है
और की है तूने
बहुत पढा़ई है
मालिक को ये
बात कभी भी
नहीं पच पाई है
आज ये मालिक है
जिसने तेरी नौकरी
दाँव पर लगाई है
जो नहीं है मालिक
की जगह पर आज
उस की मूँछ भी
इस बात को लेकर
बहुत फड़फडा़ई है
तेरे साथ खड़ा
होगा आज क्योंकि
उसने भी खानी
कल मलाई है
तेरे जैसे ने ही
तो मालिकों के
लिये हमेशा से
समस्या बनाई है
इतिहास गवाह है
नौकरी छोड़ कर
मालिक बनने की
होड़ भी उसी
ने जगाई है
केजरीवाल ने
इसी लिये तुझे
आवाज एक लगाई है
वो लगा चुका है
मालिक बनने की
दौड़ में अपना हिस्सा
तेरे पास भी है
एक अच्छा मौका
क्यों नहीं तू भी
करती नौकरी
की भरपाई है
दुर्गा हो या शक्ति हो
मालिक के लिये
अगर नहीं
उसमें भक्ति हो
इज्जत भी कहाँ
नौकर की
बच पाई है
ये बात नौकर के
समझ में अभी तक
नहीं आई है
एक तरह से
देख ले उसने
मुलायम आदमी
की मुलायम
तबीयत पर
टिप्पणी करने से
जान बचाई है
इसी बात पर
न्यायालय ने मुहर
एक लगाई है
वो कभी भी
मालिक
और नौकर
के बीच में
नहीं आई है ।

सोमवार, 21 जनवरी 2013

राम नहीं खोल सकता कोई वैंडर तेरे नाम का टेंडर

सोच रहा था
कल से

इस पर
कुछ भी नहीं
लिखना
विखना चाहिये

करने
वाले को
कौन सा इसे
पढ़ ही लेना है

मुझे भी
बस चुप ही
रहना चाहिये

पर
मिर्ची खाने पर
पानी पीना कभी
 ही जाता है

सू सू
की आवाज
बंद भी
कर ली जाये

तब भी
मुँह लाल
होना तो
सामने वाले को
दिख ही जाता है

इसलिये
रहा नहीं गया

जब देखा
स्वयंवर
टाला ही
जा चुका है

सारे के सारे

बनाये गये
रामों को

दाना
डाला जा चुका है

बेशरम
राम बनने का
जुगाड़ लगा रहे थे

देख
भी नहीं रहे थे

राम
की मुहर जब

ना
जाने कब से

वो
अपने पास ही
दिखा रहे थे

अब जब राम
भगवान होते हैं
पता था इन सबको

फिर
ये कैसे
सीता को
पाने के सपने
देखे जा रहे थे

खेमे पर खेमे
किसलिये बना रहे थे

सुग्रीव
भी बेचारे
इधर से उधर
जाने में अपना
समय पता नहीं
क्यों गंवा रहे थे

रावण
के परिवार की तरह
राज काज जब
संभाला जा रहा था

लोगों को
दिखाने के लिये
रावण का पुतला भी
निकाला जा रहा था

सीता के
अपहरण के लिये
राम बनकर ही मौका
निकाला जा रहा था

कैसे
हो जायेगा
स्वयंवर
उसके बिना मूर्खो

जब
उसने अभी तक

अपना
रामनामी चोला
अभी नहीं उतारा था ।

शुक्रवार, 18 मई 2012

तबादला मंत्री

नयी
सरकार
लग रहा है

कुछ
कर दिखायेगी

सुना
जा रहा है
पहाड़ी राज्य में
तबादला उद्योग
जल्दी ही लगायेगी

पिछली
सरकार के
तबादला ऎक्ट को

रद्द करने
वो जा रही है

उसके लिये

विधान सभा
की मुहर
जरूरी है
बता रही है

वैसे
तबादले
करने से
क्या हो पाता है

मेरी
समझ मेंं
आज भी
ये नहीं आता है

मेरा
विश्वविद्यालय
संस्था एक
स्वायत्तशाशी है

तबादला
करने करवाने
की यहाँ नहीं
बदमाशी है

जो
काम करता है
वो करता ही
चला जाता है

जो
नहीं करता है
उससे काम
करवाने की
हिम्मत कोई
नहीं कर पाता है

क्यों
नहीं करता 
है पूछने पर

"बने रहो पगला
काम करेगा अगला"

मुहावरा
बड़े चाव
से सुनाता है

अपनी
सरकार को
एक सुझाव
मैं देने जा रहा हूँ

पहाड़ी
राज्य को
प्रगति के पथ पर
ले जाना चाह रहा हूँ

ये
ऎक्ट वेक्ट
खाली काहे
बदलवा रहे हो

तबादला
मंत्री का
पोर्टफोलियो एक
क्यों नहीं बना रहे हो

लाल बत्ती
के एक चाहने वाले को

क्यों नहीं
इसमें खपा रहे हो

तबादले में
सुना था
पिछली बार
बहुत कुछ
खाया जा रहा था

राज्य की
उन्नति में
उसमेंं से
धेला भी
नहीं लगाया
जा रहा था

मंत्रालय
हो जायेगा तो

एक उद्योग
पनप जायेगा

कुछ हिस्सा
तबादलाखोरी का

राज्य के
खजाने में
दो चार कौड़ी
तो जमा कर जायेगा।

शुक्रवार, 4 मई 2012

अर्जीनवीस

कैसे कैसे
पढे़ लिखे
बेवकूफ यहाँ
पाये जाते हैं
बात बात पर
प्रार्थना पत्र 
एक लिखवाये
जाते हैं
परास्नातक
परीक्षा देने
के लिये जब
आये हो
पार्थना पत्र
लिखना भी
अब तक सीख
नहीं पाये हो
कह कह कर
आंखें हमें
दिखाये
चले जाते हैं
अब आप
ही बताईये
कुछ तरस
हम लोगों
पर भी
तो खाइये
इतिहास
भूगोल की
परीक्षा में
प्रार्थना पत्र
लिखो कहाँ
कहा जाता है
कक्षाओं में
विषय पढ़ाने
के लिये ही
जब कोई
नहीं आता है 
प्रार्थना पत्र
कि कोचिंग
लेने थोड़े
कोई जाता है
न्यायालय के
वकील भी
तो स्नातक होते हैं
प्रार्थना पत्र
लिखवाने के लिये
आसपास
अर्जीनवीस होते है
आप भी कुछ
लोगों को
प्रार्थना पत्र
लिखना क्यों
नहीं सिखलाते हो
परीक्षा केन्द्रों में
उन्हे लाकर क्यों
नहीं बैठाते हो
रोजगार के
अवसर इसी बहाने
कुछ लोग
यहाँ पा जायेंगे
हम लोग भी
आप लोगों की
किच किच
से बच जायेंगे
हो सके तो
कुछ नोटरी भी
आप बैठा सकते हो
मुहर भी उनसे
प्रार्थनापत्रों में
लगवा सकते हो
उसपर लगने
वाली फीस भी
निर्धारित
कर लीजियेगा
अपने कुछ लोगों
को 
नोटरी की सीट 
दिलवा दीजियेगा
कुछ हिस्सा
फीस का
अपनी चाय
पानी के लिये
कभी कभी
इसी बहाने 
उठा भी
लीजियेगा।