मेरा रास्ता तो
रास्ते में ही
खो जाता है
लगता है
सही रास्ता
खुद ही
भटक
जाता है
लोगों
का रास्ता
शायद
मंजिल तक
जाता है
जब भी
मैं कहीं
को जाता हूँ
अपने रास्ते
में किसी को
कभी भी
नहीं पाता हूँ
लोग तो
जा रहे
होते हैं
समूह भी
बना रहे
होते हैं
वर्षों से
लोगों ने
रास्ते
बनाये हैं
बना कर
कई रास्ते
रास्ते में छोड़
भी आये हैं
उन रास्तों
ने किसी
को नहीं
भटकाया है
हो सका है
तो भटके
हुवे को ही
रास्ता
दिखाया है
आज भी
लोग नये
रास्ते बनाते
चले जा रहे हैं
आगे को
जा रहे हैं
पीछे के
रास्ते को
रास्ते से
हटाते
जा रहे हैं
जानते हैं
जहां
वो रास्ता
उन्हें
पहुंचायेगा
पीछे वाला
भी कभी
ना कभी वहां
पहुंच ही जायेगा
रास्ते का भेद
रास्ते में ही
खुल जायेगा।
रास्ते में ही
खो जाता है
लगता है
सही रास्ता
खुद ही
भटक
जाता है
लोगों
का रास्ता
शायद
मंजिल तक
जाता है
जब भी
मैं कहीं
को जाता हूँ
अपने रास्ते
में किसी को
कभी भी
नहीं पाता हूँ
लोग तो
जा रहे
होते हैं
समूह भी
बना रहे
होते हैं
वर्षों से
लोगों ने
रास्ते
बनाये हैं
बना कर
कई रास्ते
रास्ते में छोड़
भी आये हैं
उन रास्तों
ने किसी
को नहीं
भटकाया है
हो सका है
तो भटके
हुवे को ही
रास्ता
दिखाया है
आज भी
लोग नये
रास्ते बनाते
चले जा रहे हैं
आगे को
जा रहे हैं
पीछे के
रास्ते को
रास्ते से
हटाते
जा रहे हैं
जानते हैं
जहां
वो रास्ता
उन्हें
पहुंचायेगा
पीछे वाला
भी कभी
ना कभी वहां
पहुंच ही जायेगा
रास्ते का भेद
रास्ते में ही
खुल जायेगा।
वाह बहुत उम्दा प्रस्तुति!
जवाब देंहटाएंअब शायद 3-4 दिन आना न हो पाये!
उत्तराखण्ड सरकार में दायित्व पाने के लिए भाग दौड़ में लगा हूँ!
रास्ते ने काफी उलझा दिया .... निरंतर चलते रहने से कभी तो मंजिल मिलेगी ... अच्छी प्रस्तुति
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