आप के लिये
हो ना हो
मेरे लिये
बहुत खास है
आज का दिन
लगता है कितना
अपना अपना सा
देख रहें हो जैसे
दिन में ही एक
सुन्दर सपना सा
देश ही नहीं
विदेश में भी
मनाया जाता है
कितनी खुशी
मिलती है
जब चर्चा
में आपको
लाया जाता है
वैसे मेरे लिये
हर दिन एक
अप्रैल होता है
मेरी सोच का
मुश्किल से ही
किसी से कोई
मेल होता है
ईनाम मिलने
की बारी अगर
कभी आयेगी
जनता जनार्दन
किसी और को
टोपी पहनायेगी
मेरे हाथ मे
कव्वे का एक
पंख देकर
मुझे ढ़ाढस
जरूरे बधायेगी
कोई बात नहीं
मुझे अपने पर
इतना भरोसा है
वो सुबह कभी
तो आयेगी
मेरी टोपी मेरे
सिर में ही कभी
पहनायी जायेगी।
हो ना हो
मेरे लिये
बहुत खास है
आज का दिन
लगता है कितना
अपना अपना सा
देख रहें हो जैसे
दिन में ही एक
सुन्दर सपना सा
देश ही नहीं
विदेश में भी
मनाया जाता है
कितनी खुशी
मिलती है
जब चर्चा
में आपको
लाया जाता है
वैसे मेरे लिये
हर दिन एक
अप्रैल होता है
मेरी सोच का
मुश्किल से ही
किसी से कोई
मेल होता है
ईनाम मिलने
की बारी अगर
कभी आयेगी
जनता जनार्दन
किसी और को
टोपी पहनायेगी
मेरे हाथ मे
कव्वे का एक
पंख देकर
मुझे ढ़ाढस
जरूरे बधायेगी
कोई बात नहीं
मुझे अपने पर
इतना भरोसा है
वो सुबह कभी
तो आयेगी
मेरी टोपी मेरे
सिर में ही कभी
पहनायी जायेगी।
मूर्ख होना भी कम नहीं, वर्ना जिसे देखो बाल की खाल निकालता रहता है
जवाब देंहटाएंवो सुबह कभी
जवाब देंहटाएंतो आयेगी
मेरी टोपी मेरे
सिर में ही
पहनायी जायेगी।
....आमीन! वैसे व्यर्थ के तर्कों में फंसने से मूर्ख बने रहना ज्यादा अच्छा है....