किसी ने
कहा है
क्या
तुझसे
कुछ लिख
इस पर
भी लिख
उस पर
भी लिख
कुछ होता
है अगर
तो होने
पर लिख
नहीं होता
है
कुछ तो
कुछ तो
नहीं होने
पर लिख
सब लिख
रहे हैं
तू भी
कुछ लिख
किताब
में लिख
कापी
में लिख
नहीं मिलता
है लिखने
को तो
बाथरूम
की ही
दीवारों
पर ही लिख
पर
सुन तो
कुछ
अच्छा सा
तो लिख
रोमाँस
पर लिख
भगवान
पर लिख
फूलों
पर लिख
आसमान
पर लिख
औल्ड कब
तक लिखेगा
कुछ बोल्ड
ही लिख
लिखना
छोड़ने को
कहने की
हिम्मत नहीं
पर इतना
तो बता
किसने
कहा
तुझसे
'उलूक'
तू कूड़े
पर लिख
और
कूड़ा
कूड़ा
ही लिख।
चित्र साभार: imageenvision.com
sundar kavia... kuda bhi jiwan ka hissa hai...
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