गधों में से
चुना
जाना है एक
गधा
चुनने के बाद
चुनने के बाद
कहा जायेगा
उसे
गधों में सबसे
गधों में सबसे
गधा गधा
इस काम को
इस काम को
अंजाम देने
के
लिये लाया जाना
है
आसपास का नहीं
कहीं बहुत दूर
आसपास का नहीं
कहीं बहुत दूर
का एक गधा
गधों के माफिया
गधों के माफिया
ने चुना है
सुना एक धोबी
सुना एक धोबी
का गधा
जब बहुत से
जब बहुत से
गधे खेतों में
घूमते चरते
घूमते चरते
दिख रहे हैं
रस्सी भी नहीं हैं
रस्सी भी नहीं हैं
पड़ी गले में
फुरसत में
फुरसत में
मटरगश्ती भी
मिल कर वो
मिल कर वो
कर रहे हैं
समझ में नहीं
समझ में नहीं
ये आया गधे
धोबी के गधे
से
अपना काम
निकलवाने के लिये
क्यों मर रहे हैं
मुझ गधे के दिमाग ने
मेरा साथ ही
अपना काम
निकलवाने के लिये
क्यों मर रहे हैं
मुझ गधे के दिमाग ने
मेरा साथ ही
नहीं निभाया
इस बात का राज
मुझे गूगल ने
भी नहीं बताया
थक हार कर
इस बात का राज
मुझे गूगल ने
भी नहीं बताया
थक हार कर
मैंने अपने
एक
साथी को अपनी
उलझन को बताया
सुनते ही चुटकी
साथी को अपनी
उलझन को बताया
सुनते ही चुटकी
में यूँ ही
उसने
इस बात को कुछ
ऎसे समझाया
बोला चूहों को
जब बांधनी होती है
किसी बिल्ली के
गले में घंटी
बहुत मुश्किल
बोला चूहों को
जब बांधनी होती है
किसी बिल्ली के
गले में घंटी
बहुत मुश्किल
से किसी
एक
चतुर चूहे के
चतुर चूहे के
नाम पर है
राय बनती
काम होने में
भी रिस्क बहुत
काम होने में
भी रिस्क बहुत
है हो जाता
कभी कभी चतुर
चूहा इसमें शहीद
कभी कभी चतुर
चूहा इसमें शहीद
भी है हो जाता
अब अगर पहले
अब अगर पहले
से ही घंटी
बंधी
बिल्ली किसी के
बिल्ली किसी के
पास हो जाये
तो बिना मरे
भी
चूहों का काम
चूहों का काम
आसान हो जाये
इसी सोच से
धोबी
के गधे पर दाँव
गधों ने लगाया
होगा
गधे का नहीं सोचा होगा
धोबी पटा पटाया होगा
गधे का नहीं सोचा होगा
धोबी पटा पटाया होगा
गधों को जब
अपना
काम करवाना होगा
धोबी को बस एक
पैगाम पहुँचाना होगा
धोबी बस गले की
रस्सी को हिलायेगा
गधा गधों के सोचे हुऎ
गधे के नाम पर
ही मुहर लगायेगा
लिख दिया है
काम करवाना होगा
धोबी को बस एक
पैगाम पहुँचाना होगा
धोबी बस गले की
रस्सी को हिलायेगा
गधा गधों के सोचे हुऎ
गधे के नाम पर
ही मुहर लगायेगा
लिख दिया है
ताकि सनद रहे
क्या फर्क पड़ना
है
क्योंकि एक गधे की
लिखी हुई बात को
बस गधा ही केवल
एक समझ पायेगा
उसे तो चरनी है
लेकिन बस घास
वो फाल्तू में यहाँ
काहे को आयेगा
गधों के लिये एक
गधे के द्वारा कही
गई बात गधों को
कोई भी जा
के नहीं सुनाऎगा ।
क्योंकि एक गधे की
लिखी हुई बात को
बस गधा ही केवल
एक समझ पायेगा
उसे तो चरनी है
लेकिन बस घास
वो फाल्तू में यहाँ
काहे को आयेगा
गधों के लिये एक
गधे के द्वारा कही
गई बात गधों को
कोई भी जा
के नहीं सुनाऎगा ।
nice one professor sahab
जवाब देंहटाएंवाह! सुन्दर प्रस्तुति ,गधे की बात तो गधे ही समझेंगे न
जवाब देंहटाएंlatest post नेता उवाच !!!
latest post नेताजी सुनिए !!!