कहीं कुछ जल रहा है कहीं कुछ जल रहा है
कहीं लग चुकी है आग कहीं धुआँ निकल रहा है
तेरा दिल जल रहा है मेरा दिल जल रहा है
इसका दिल जल रहा है उसका दिल जल रहा है
कोई आग पी रहा है कोई धुआँ उगल रहा है
कहीं शहर जल रहा है कहीं गाँव जल रहा है
आग ही आग है सामने अपना घर जल रहा है
जैसा वहाँ जल रहा है वैसा यहाँ जल रहा है
हर कोई जानता है कितना क्या जल रहा है
क्यों जल रहा है और कहाँ जल रहा है
वो इससे जल रहा है ये उससे जल रहा है
उतनी आग दिख रही है जिसका जितना जल रहा है
अपनी आग लेकर आग से कोई कहाँ मिल रहा है
जिसको जहाँ मिल रहा है वो वहां जल रहा है
कितनी आग उसकी आग है पता कहाँ चल रहा है
हर कोई ले एक मशाल अपने साथ चल रहा है
इसके लिये जल रहा है उसके लिये जल रहा है
अपने भोजन के लिये बस उसका चूल्हा जल रहा है
कौन अपनी आग से कहीं कुछ बदल रहा है
किसको पड़ी है इस बात की कि देश जल रहा है
कहीं कुछ जल रहा है कहीं कुछ जल रहा है
कहीं लग चुकी है आग कहीं धुआँ निकल रहा है ।
सुंदर सृजन लाजबाब प्रस्तुति,,,
जवाब देंहटाएंRECENT POST : सुलझाया नही जाता.
जवाब देंहटाएंभारत का हर वर्ग जल रहा है . हर चीज जल रहा भ्रष्ट राजनीति के भट्टी में
atest post नए मेहमान
बहुत ही सुंदर और सार्थक प्रस्तुती, आभार।
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