ऎसा कुछ
मुझे महसूस हो रहा है
बहुत सी बातेंं
लोग आपस में कर रहे हैं
लोग आपस में कर रहे हैं
तेरे सामने कहने से
लगता है डर रहे हैं
मेरी
समझ में
थोड़ा थोड़ा कुछ आ रहा है
समझ में
थोड़ा थोड़ा कुछ आ रहा है
आजकल
तू हर जगह
गाड़ी के ब्रेक और एक्सीलेटर
अपने हाथ में लेकर
क्यों जा रहा है
किसी के
पीछे पहुँच कर
ब्रेक लगा रहा है
पीछे पहुँच कर
ब्रेक लगा रहा है
किसी के
आगे से एक्सीलेटर
जोर से दबा रहा है
आगे से एक्सीलेटर
जोर से दबा रहा है
समझता
क्यों नहीं है
क्यों नहीं है
ऎसे क्या
किसी को तू रोक पायेगा
किसी को तू रोक पायेगा
जो कर रहे हैं
खुले आम बहुत कुछ
काबू में
ऎसे ही कर ले जायेगा
ऎसे ही कर ले जायेगा
और क्या
ऎक्सीलेटर दे कर
किसी को भी
तू चला ले जायेगा
खाली खाली
किसी से ऎसी क्यों उम्मीदें अपनी जगायेगा
किसी से ऎसी क्यों उम्मीदें अपनी जगायेगा
जो किसी को रोकने
तेरे साथ दौड़ा दौड़ा चला आयेगा
तेरे साथ दौड़ा दौड़ा चला आयेगा
ईमानदार
होने का मतलब
बेशरम होना होता है
होने का मतलब
बेशरम होना होता है
ये बात
ना जाने तू
कब समझ में अपनी लायेगा
शरम
तो बस
एक बेशरम को ही आती है
तो बस
एक बेशरम को ही आती है
जो सामने सामने
चेहरे पर झलक जाती है
चेहरे पर झलक जाती है
तेरी सूरत
हमेशा से रोनी नजर आती है
नजर डाल
उस तरफ ही
सारी लाली चली जाती है
उस तरफ ही
सारी लाली चली जाती है
दर्द
बढ़ते बढ़ते दवा हो जाता है
बढ़ते बढ़ते दवा हो जाता है
ये ही सोच के
तू भी थोड़ा सा बेशरम
क्यों नहीं हो जाता है
तू भी थोड़ा सा बेशरम
क्यों नहीं हो जाता है
तेरी
सारी परेशानियां
उस दिन खत्म हो जायेंगी
सारी परेशानियां
उस दिन खत्म हो जायेंगी
जिस दिन से तुझे भी शरम थोड़ी
आनी शुरु हो जायेगी
आनी शुरु हो जायेगी
सारी
मछलियाँ तालाब की
तब एक सी हो जायेंगी
मछलियाँ तालाब की
तब एक सी हो जायेंगी
एक सड़ी मछली
गंदा करती है तालाब वाली
कहावत ही बेकार हो जायेगी
उसी दिन से पाठ्यक्रम में
नई लाईने डाल दी जायेंगी
नई लाईने डाल दी जायेंगी
जिस दिन
सारी मछलियाँ
सड़ा दी जाती हैं
सारी मछलियाँ
सड़ा दी जाती हैं
तालाब की बात
उस दिन के बाद से
बिल्कुल भी
कहीं नहीं की जाती है ।
चित्र साभार: https://www.shutterstock.com/
बढ़िया प्रस्तुति-
जवाब देंहटाएंआभार आदरणीय-
बहुत सुन्दर प्रस्तुति.. आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी पोस्ट हिंदी ब्लॉग समूह में सामिल की गयी और आप की इस प्रविष्टि की चर्चा कल {मंगलवार 20/08/2013} को
जवाब देंहटाएंहिंदी ब्लॉग समूह
hindiblogsamuh.blogspot.com
पर की जाएगी, ताकि अधिक से अधिक लोग आपकी रचना पढ़ सकें . कृपया पधारें, सादर .... Darshan jangra
नमस्कार आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल मंगलवार (20 -08-2013) के चर्चा मंच -1343 पर लिंक की गई है कृपया पधारें. सूचनार्थ
जवाब देंहटाएं
जवाब देंहटाएंबढ़िया रचना है अभिनव दृष्टि लिए।
प्रवाह लिए सुंदर रचना ।
जवाब देंहटाएंआपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" मंगलवार 05 जनवरी 2021 को साझा की गयी है.............. पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंवाह बहुत बढ़िया।
जवाब देंहटाएंजिस दिन
जवाब देंहटाएंसारी मछलियाँ
सड़ा दी जाती हैं
तालाब की बात
उस दिन के बाद से
बिल्कुल भी
कहीं नहीं की जाती है ।
–बस! इसके आगे कुछ कहना नहीं बच गया...
–लेखनी को सलाम
वाह!
जवाब देंहटाएंवाह!सर ,बहुत खूब!
जवाब देंहटाएंउसी दिन से पाठ्यक्रम में
जवाब देंहटाएंनई लाईने डाल दी जायेंगी
जिस दिन
सारी मछलियाँ
सड़ा दी जाती हैं
तालाब की बात
उस दिन के बाद से
बिल्कुल भी
कहीं नहीं की जाती है ।
ग़ज़ब का कटाक्ष...
बहुत खूब ... बहुत खूब ... बहुत खूब ...
बहुत खूब सुशील कुमार जोशी जी 🌹🙏🌹
वाह शानदार! आपके व्यंग्य इतने गहरे होते हैं ,सीधा प्रहार करते हैं।
जवाब देंहटाएंसुंदर।