कुछ ऐसा क्यों
नहीं लिखता कभी
जिसे एक गीत की
तरह गाया जा सके
तेरे ही किसी
अंदाज को
एक हीरो की तरह
उस पर फिल्माया
भी कभी जा सके
रहने भी दीजिये
इतना भाव भी
खाली मत बढ़ाइये
लिखने के लिये
लिखने वाले बहुत
पाये जाते हैं यहा
हजूर
हमें बख्श दीजिये
खजूर के पेड़ पर
इस तरह तो ना
मजबूर कर चढ़ाइये
अब जब पहुँच ही
गये हैं आप हमारी
हिसाब लिखने
की दुकान तक
हमें लिखने से
कोई मतलब नहीं
रहता है कभी भी
इस बात को थोड़ा
समझते हुऐ
अब जाइये
श्रीमती जी भी परेशान
किया करती थी बहुत
दिनों तक हमारे लिखने
लिखाने को लेकर
उनसे भी बोलना
पड़ा एक दिन इसी
तरह से दुखी होकर
समझा करो कभी
हमारी भी मजबूरी
भाग्यवान
थोड़ा सा
हमारी तरह होकर
तुम तो सारा कूड़ा
रसोई का कूड़ेदान में
डालकर फारिग
हो जाती हो
कुछ ना कुछ
कर धर कर
हमसे कुछ तो
होता नहीं कहीं भी
फिलम भी अब
बनती है हर कोई
किसी ना किसी
विलेन को ही लेकर
वही निकलता है
गली से अंत में
देखने सुनने वालों
का भगवान होकर
गीत भी उसका
लिखता वही है
संगीत भी उसी का
सुनाई देता है
सब नाचते गाते हैं
उसी को कंधों पर
अपने रख कर
हीरो कहीं पिटता है
कहीं बरतन उठाता
हुआ दिखाई देता है
गीत हीरो पर
फिल्माया
गया हुआ
क्या आपको
अब भी
कहीं दिखाई
देता है
या समझ
लूँ मैं
इस बात
को इस तरह
की मुझ में
ही आपको
आज का कोई
विलेन एक
दिखाई देता है |
नहीं लिखता कभी
जिसे एक गीत की
तरह गाया जा सके
तेरे ही किसी
अंदाज को
एक हीरो की तरह
उस पर फिल्माया
भी कभी जा सके
रहने भी दीजिये
इतना भाव भी
खाली मत बढ़ाइये
लिखने के लिये
लिखने वाले बहुत
पाये जाते हैं यहा
हजूर
हमें बख्श दीजिये
खजूर के पेड़ पर
इस तरह तो ना
मजबूर कर चढ़ाइये
अब जब पहुँच ही
गये हैं आप हमारी
हिसाब लिखने
की दुकान तक
हमें लिखने से
कोई मतलब नहीं
रहता है कभी भी
इस बात को थोड़ा
समझते हुऐ
अब जाइये
श्रीमती जी भी परेशान
किया करती थी बहुत
दिनों तक हमारे लिखने
लिखाने को लेकर
उनसे भी बोलना
पड़ा एक दिन इसी
तरह से दुखी होकर
समझा करो कभी
हमारी भी मजबूरी
भाग्यवान
थोड़ा सा
हमारी तरह होकर
तुम तो सारा कूड़ा
रसोई का कूड़ेदान में
डालकर फारिग
हो जाती हो
कुछ ना कुछ
कर धर कर
हमसे कुछ तो
होता नहीं कहीं भी
फिलम भी अब
बनती है हर कोई
किसी ना किसी
विलेन को ही लेकर
वही निकलता है
गली से अंत में
देखने सुनने वालों
का भगवान होकर
गीत भी उसका
लिखता वही है
संगीत भी उसी का
सुनाई देता है
सब नाचते गाते हैं
उसी को कंधों पर
अपने रख कर
हीरो कहीं पिटता है
कहीं बरतन उठाता
हुआ दिखाई देता है
गीत हीरो पर
फिल्माया
गया हुआ
क्या आपको
अब भी
कहीं दिखाई
देता है
या समझ
लूँ मैं
इस बात
को इस तरह
की मुझ में
ही आपको
आज का कोई
विलेन एक
दिखाई देता है |
khud ko khali rakhne k liye / lekhan bahut zururi h !
जवाब देंहटाएंpar itna sara type karna bahut mushkil h sr -------------- विलेन / दिखाई नहीं देता :)
आ० अच्छा लेखन , धन्यवाद
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रस्तुति को आज की बुलेटिन लाल बहादुर शास्त्री जी और ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है। कृपया एक बार आकर हमारा मान ज़रूर बढ़ाएं,,, सादर .... आभार।।
जवाब देंहटाएंक्या आपको अब भी
जवाब देंहटाएंकहीं दिखाई देता है
या समझ लूँ मैं
इस बात को इस तरह
की मुझ में ही आपको
आज का कोई
विलेन एक
दिखाई देता है !
पत्नी परमेश्वरी होती है झूठ नहीं बोलती है।
बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
जवाब देंहटाएं--
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज रविवार (12-01-2014) को वो 18 किमी का सफर...रविवारीय चर्चा मंच....चर्चा अंक:1490
में "मयंक का कोना" पर भी है!
--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
--
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
बहुत बढ़िया ! धारदार कटाक्ष करती सुंदर प्रस्तुति !
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर कटाक्ष.
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