ऊपर वाला
सुना है
आजकल
बात बात में
परेशान
हो जा रहा है
नीचे वाला
पता नहीं
इतना भी
क्यों नहीं
समझ
पा रहा है
परेशानियाँ
माना कि
उसकी
अपनी
खुद की
बनाई हुई
सब नजर
आती हैं
किसी ने
कभी उसे
क्यों नहीं
टोका कि
इतने सारे
अवतार क्यों
अपने वो
बनाये
जा रहा है
हर दूसरे
को छोड़
तीसरा
अपने
आप को
उसका ही
आदमी एक
बता रहा है
उल जलूल
सारे फजूल
कामों को
नियमों को
ताक में
रख कर
करवा रहा है
बेवकूफ
होगा
वो भी
आम
आदमी
की तरह
”उलूक”
का भेजा
बस
इतनी सी
बात को
नहीं पचा
पा रहा है
उधर
एक आदमी
लगा हुआ है
पूरे देश को
ही बदलने
के फिराक में
इधर
तुझसे
चवन्नी
भर का
ईमान
अपना
नहीं बिक
पा रहा है
सुधर जा
अभी भी
समय है
तेरे ही
खुद के
हाथ में
खुली
हथेली
ले कर
कफन
ओढ़ कर
जब चलेगा
एक लम्बे
सफर पर
सब कहेंगे
देखो जरा
एक
बेवकूफ
अपनी
बेवकूफी
के कारण
आज खाली
जेब और
खाली हाथ
जा रहा है !
सुना है
आजकल
बात बात में
परेशान
हो जा रहा है
नीचे वाला
पता नहीं
इतना भी
क्यों नहीं
समझ
पा रहा है
परेशानियाँ
माना कि
उसकी
अपनी
खुद की
बनाई हुई
सब नजर
आती हैं
किसी ने
कभी उसे
क्यों नहीं
टोका कि
इतने सारे
अवतार क्यों
अपने वो
बनाये
जा रहा है
हर दूसरे
को छोड़
तीसरा
अपने
आप को
उसका ही
आदमी एक
बता रहा है
उल जलूल
सारे फजूल
कामों को
नियमों को
ताक में
रख कर
करवा रहा है
बेवकूफ
होगा
वो भी
आम
आदमी
की तरह
”उलूक”
का भेजा
बस
इतनी सी
बात को
नहीं पचा
पा रहा है
उधर
एक आदमी
लगा हुआ है
पूरे देश को
ही बदलने
के फिराक में
इधर
तुझसे
चवन्नी
भर का
ईमान
अपना
नहीं बिक
पा रहा है
सुधर जा
अभी भी
समय है
तेरे ही
खुद के
हाथ में
खुली
हथेली
ले कर
कफन
ओढ़ कर
जब चलेगा
एक लम्बे
सफर पर
सब कहेंगे
देखो जरा
एक
बेवकूफ
अपनी
बेवकूफी
के कारण
आज खाली
जेब और
खाली हाथ
जा रहा है !
बहुत ख़ूब , आ० आपकी बात से मैं कुछ कुछ सहमत हूँ , धन्यवाद , ॥ जय श्री हरि: ॥
जवाब देंहटाएंसुंदर प्रस्तुति...!
जवाब देंहटाएंनव वर्ष की हार्दिक बधाई और शुभकामनाए...!
RECENT POST -: नये साल का पहला दिन.
बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
जवाब देंहटाएं--
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल शुक्रवार (03-01-2014) को "एक कदम तुम्हारा हो एक कदम हमारा हो" (चर्चा मंच:अंक-1481) पर भी होगी!
--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
--
ईस्वीय सन् 2014 की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
बहुत सुन्दर खाली हाथ आये थे खाली हाथ जायेंगे |जब आये थे तब भोले थे अब बेवकूफ़ बन जायेंगे !
जवाब देंहटाएंनया वर्ष २०१४ मंगलमय हो |सुख ,शांति ,स्वास्थ्यकर हो |कल्याणकारी हो |
नई पोस्ट विचित्र प्रकृति
नई पोस्ट नया वर्ष !
मुझे पता नहीं सभी कहते होंगे, पर मौत ले जाते समय जरुर कहती होगी
जवाब देंहटाएंजीवन एक अवसर था कुछ अच्छा करने के लिए नाहक गँवा बैठा
खाली हाथ आकर खाली हाथ लौट जाना महंगा सौदा है
सुन्दर रचना … आभार !
२०१४ की मुबारकवाद-
जवाब देंहटाएंशुभकामनायें आदरणीय-
वाह बहुत सुन्दर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंआपकी इस ब्लॉग-प्रस्तुति को हिंदी ब्लॉगजगत की सर्वश्रेष्ठ कड़ियाँ (2 जनवरी, 2014) में शामिल किया गया है। कृपया एक बार आकर हमारा मान ज़रूर बढ़ाएं,,,सादर …. आभार।।
जवाब देंहटाएंकृपया "ब्लॉग - चिठ्ठा" के फेसबुक पेज को भी लाइक करें :- ब्लॉग - चिठ्ठा
बहुत सुन्दर प्रस्तुति। । नव वर्ष की हार्दिक बधाई।
जवाब देंहटाएंsundar prastuti ...
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