कितना
कुछ भी
लिख
दिया जाये
वो
लिखा ही
नहीं जाता है
जो
बस
अपने से
ही साझा
किया जाता है
इस पर
लिखना
उस पर
लिखना
लिखते
लिखते
कुछ भी
लिखना
बहुत
कुछ
ऐसे ही
लिखा
जाता है
लिखते
लिखते भी
महसूस होना
कि
कुछ भी
नहीं लिखा
जाता है
हर
लिखने वाला
इसी मोड़ पर
बहुत ही
कंजूस
हो जाता है
पढ़ने
वाले भी
बहुत होते हैं
कोई
पूरा का पूरा
शब्द दर शब्द
पढ़ ले जाता है
बेवकूफ
भी नहीं होता है
फिर भी
कुछ भी नहीं
समझ पाता है
शराफत होती है
बहुत
अच्छा
लिखा है
की टिप्पणी
एक
जरूर दे जाता है
बहुत अच्छा
लिखने वाले को
पाठक ही नहीं
मिल पाता है
एक
अच्छी तस्वीर के
यहाँ बाजार
लगा नजर आता है
कुछ अच्छा
लिख लेने की सोच
जब तक
पैदा करे कोई
एक कभाड़ी
कुछ भी
लिख
दिया जाये
वो
लिखा ही
नहीं जाता है
जो
बस
अपने से
ही साझा
किया जाता है
इस पर
लिखना
उस पर
लिखना
लिखते
लिखते
कुछ भी
लिखना
बहुत
कुछ
ऐसे ही
लिखा
जाता है
लिखते
लिखते भी
महसूस होना
कि
कुछ भी
नहीं लिखा
जाता है
हर
लिखने वाला
इसी मोड़ पर
बहुत ही
कंजूस
हो जाता है
पढ़ने
वाले भी
बहुत होते हैं
कोई
पूरा का पूरा
शब्द दर शब्द
पढ़ ले जाता है
बेवकूफ
भी नहीं होता है
फिर भी
कुछ भी नहीं
समझ पाता है
शराफत होती है
बहुत
अच्छा
लिखा है
की टिप्पणी
एक
जरूर दे जाता है
बहुत अच्छा
लिखने वाले को
पाठक ही नहीं
मिल पाता है
एक
अच्छी तस्वीर के
यहाँ बाजार
लगा नजर आता है
कुछ अच्छा
लिख लेने की सोच
जब तक
पैदा करे कोई
एक कभाड़ी
बाजार भाव
गिरा जाता है
बहुत से
पहलवान हैं
यहाँ भी
और वहाँ भी
दादागिरी
करने में
लेखक
और
पाठक से
कमतर
कोई नजर
नहीं आता है
दाऊद
यहाँ भी हैं
बहुत से
पता नहीं
मेरा
ख्वाब है
या
किसी और
को भी
नजर आता है ।
गिरा जाता है
बहुत से
पहलवान हैं
यहाँ भी
और वहाँ भी
दादागिरी
करने में
लेखक
और
पाठक से
कमतर
कोई नजर
नहीं आता है
दाऊद
यहाँ भी हैं
बहुत से
पता नहीं
मेरा
ख्वाब है
या
किसी और
को भी
नजर आता है ।