डी एन ए से देखिये
कैसे डी एन ए
मिल गया
बाप को एक बेटा
बेटे को एक
बाप मिल गया
बहुत खुशी
की बात है
बहुत पुरानी
बात का बहुत
दिनों बाद
पता चल गया
क्या फर्क पड़ा
चाहे इसमें एक
पूरा युग लग गया
पर बहुत ही
खतरनाक चीज है
ये डी एन ए
अपना ही होता है
और गद्दारी भी
अपनो से कर लेता है
ढोल बजा देता है
और पोल खोल देता है
देखिये तो कहाँ
से होकर कहाँ
निकल जाता है
कभी किसी को
कुछ भी कहाँ बता
के जाता है
दिखता सूक्ष्मदर्शी
से भी नहीं है
पर रास्ते रास्ते में
अपने निशान छोड़ता
चला जाता है
पता ही नहीं चलता
और एक दिन
यही डी एन ए
गांंधी हो जाता है
आज भी तो
यही हुआ है
डी एन ए ने
सब कुछ
कह दिया है
अब इसे देख देख
कर बहुत से
घबरा रहे हैं
याद कर रहे हैं
कि कहाँ कहाँ
वो डी एन ए छोड़
के आ रहे हैं
कान भी पकड़ते
जा रहे हैं
अगली बार से
बिल्कुल भी
डी एन ए को साथ
नहीं ले जाना है
कसम खा रहे हैं ।
कैसे डी एन ए
मिल गया
बाप को एक बेटा
बेटे को एक
बाप मिल गया
बहुत खुशी
की बात है
बहुत पुरानी
बात का बहुत
दिनों बाद
पता चल गया
क्या फर्क पड़ा
चाहे इसमें एक
पूरा युग लग गया
पर बहुत ही
खतरनाक चीज है
ये डी एन ए
अपना ही होता है
और गद्दारी भी
अपनो से कर लेता है
ढोल बजा देता है
और पोल खोल देता है
देखिये तो कहाँ
से होकर कहाँ
निकल जाता है
कभी किसी को
कुछ भी कहाँ बता
के जाता है
दिखता सूक्ष्मदर्शी
से भी नहीं है
पर रास्ते रास्ते में
अपने निशान छोड़ता
चला जाता है
पता ही नहीं चलता
और एक दिन
यही डी एन ए
गांंधी हो जाता है
आज भी तो
यही हुआ है
डी एन ए ने
सब कुछ
कह दिया है
अब इसे देख देख
कर बहुत से
घबरा रहे हैं
याद कर रहे हैं
कि कहाँ कहाँ
वो डी एन ए छोड़
के आ रहे हैं
कान भी पकड़ते
जा रहे हैं
अगली बार से
बिल्कुल भी
डी एन ए को साथ
नहीं ले जाना है
कसम खा रहे हैं ।
D.N.A.,,के टेस्ट से,बात हो जाती साफ़
जवाब देंहटाएंकिसका कौन है बेटा,कौन है इसका बाप,,,,,
RECENT POST,,,इन्तजार,,,
pol- khol DNA ke khilf ek jn andolan nihayt jaruri ho gya,n rahega dhol,n khulegi pol,jai bol jai
जवाब देंहटाएंबाप को एक बेटा
जवाब देंहटाएंबेटे को एक
बाप मिल गया
बहुत खुशी
की बात है
par tivari ji ke liye mushkil ki baat hai ..
sarthak rachna ...aabhar
वाह... शीर्षक स्वय एक कविता है, व्यंग्य है.. कटाक्ष है... कहानी है... उपन्यास है...
जवाब देंहटाएंD.N.A.,,के टेस्ट की जय हो.. जिससे एक बाप को बेटा और बेटे को बाप मिलजाता है...कुआ बात है...
जवाब देंहटाएंक्या जमाना आगया? सफ़ेदपोश ताऊओं की इज्जत सरे आम नीलाम होने लग गई?:)
जवाब देंहटाएंरामराम.
सच में DNA कमाल करता है...न मानने पर भी पिता को पिता साबित कर देता है...बहुत सुन्दर व्यंग्य
जवाब देंहटाएंसटीक सामयिक कविता
जवाब देंहटाएंसटीक और सामयिक रचना |
जवाब देंहटाएंआशा
बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
जवाब देंहटाएं--
इस प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार (29-07-2012) के चर्चा मंच पर भी होगी!
सूचनार्थ!
बहुत बढ़िया सटीक व्यंगात्मक प्रस्तुति
जवाब देंहटाएं