पता नहीं
ये मौके
फिर
कभी और
हाथ में आयें
चलो
कुछ भटके
हुओं को
कुछ और
भटकायें
कुछ
शरीफ से
इतिहास
पन्नों में
लिख कर लायें
बेशरम सी
पुरानी
किताबों को
गंगा में
धो कर के आयेंं
करना कराना
बदसूरत सा
अपना ना बतायें
खूबसूरत तस्वीरें
लाकर गलियों
में फेंक आयें
अच्छा लिखा
अच्छे आदमी
अच्छी
महफिल सजायें
तस्वीरें
झूठी समय की
समय की
नावों में रख
कर के तैरायें
अपने थाने
अपने थानेदार
अपने गुनाह
सब भुनायें
कल बदलती
है तस्वीर
थोड़ा उधर
को चले जायें
मुखौटे ओढ़ें नहीं
बस मुखौटे
ही खुद हो जायें
आधार पर
आधार चढ़ा कर
आधार हो जायें
मौज में
लिखे को
समझने के
लिये ना आयें
सारी बातें
सीधे सीधे
लिखकर
बतायें
‘उलूक’
जैसों की
बकबक को
किनारे लगायें
सच
का मातम
मनाना भी
किसलिये
खुश होकर
मिलकर
झूठ का
झंडा फहरायें ।
चित्र साभार: https://www.colourbox.com/
ये मौके
फिर
कभी और
हाथ में आयें
चलो
कुछ भटके
हुओं को
कुछ और
भटकायें
कुछ
शरीफ से
इतिहास
पन्नों में
लिख कर लायें
बेशरम सी
पुरानी
किताबों को
गंगा में
धो कर के आयेंं
करना कराना
बदसूरत सा
अपना ना बतायें
खूबसूरत तस्वीरें
लाकर गलियों
में फेंक आयें
अच्छा लिखा
अच्छे आदमी
अच्छी
महफिल सजायें
तस्वीरें
झूठी समय की
समय की
नावों में रख
कर के तैरायें
अपने थाने
अपने थानेदार
अपने गुनाह
सब भुनायें
कल बदलती
है तस्वीर
थोड़ा उधर
को चले जायें
मुखौटे ओढ़ें नहीं
बस मुखौटे
ही खुद हो जायें
आधार पर
आधार चढ़ा कर
आधार हो जायें
मौज में
लिखे को
समझने के
लिये ना आयें
सारी बातें
सीधे सीधे
लिखकर
बतायें
‘उलूक’
जैसों की
बकबक को
किनारे लगायें
सच
का मातम
मनाना भी
किसलिये
खुश होकर
मिलकर
झूठ का
झंडा फहरायें ।
चित्र साभार: https://www.colourbox.com/