उलूक टाइम्स: गधा बना दो भगवान

सोमवार, 4 जून 2012

गधा बना दो भगवान

आज
गधों पर
कुछ लिखने
का मन
कर रहा है

पर
बहन जी का
बहुत डर
लग रहा है

उल्लू
बिल्ली मुर्गी
पर लिखते हो
कहकर
नाराजगी
एक दिन
वो जता रही थी

इसीलिये
हमारी हिम्मत
यहाँ आकर
बोल ही
जा रही थी

गधे
वैसे तो बहुत
काम के आदमी
हमेशा से
बताये
जाते रहे हैं

इसीलिये
धोबी के
खानदान के साथ
अभी तक
चलते आ रहे हैंं

आदमी
जब एक गधा
हो जाता है
तो लगता है
जैसे कोई
गाली खाता है

क्या करें
गधे टाईप
के आदमियों
के बीच में
जब कोई
फंस ही
कहीं जाता है

तो गधा हूँ
इसीलिये
तो यहाँ हूँ
कहता है
और
मुस्कुराता है

गधों के
किये गये
कामों पर
टल्लियाँ लगाता
चला जाता है

ना कुछ
कर पाता है
ना ही कुछ
कह पाता है

बस गधों
की किस्मत
से खार खाता है

अगले जनम
मोहे
गधा ही कीजो

की बिनती

हाथ जोड़
प्रभू के द्वार
पर लगाता है।

3 टिप्‍पणियां:

  1. ईश्वर आपकी कामना पूरी करे,,,,,,
    बहुत सुंदर अभिव्यक्ति,

    RECENT POST .... काव्यान्जलि ...: अकेलापन,,,,,

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  2. हां अगले जनम मुझे गधा ही कीजौ जो घर का भी और घाट का भी।

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  3. :) गधों को बाप बनाने वाले मौकापरस्त भी खूब मिल जाते हैं! सटीक व्यंग्य!

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