शायद सच कहा होगा
या गफलत में ही
कह गया होगा
उसने कहा और
मैंने सुना मेरे बारे में
मुझ से कुछ इस तरह
आवारा हो जाना सबके
बस में नहीं होता
जो हो लेता है बहुत
बड़ी शख्सियत होता है
तू अंदर से आवारा
आवारा हो गया है
सुनी सुनाई गजल
तक जैसे दिल
धीरे से चल दिया
"ये दिल ये पागल
दिल मेरा क्यों
बुझ गया आवारगी"
फिर लगा आवारा का
मतलब उसका कहीं
उठाईगीर से तो नहीं होगा
या कामचोर या आलसी
या फिर इधर उधर
घूमने वाला जैसा ही
उसे कहीं कुछ दिखा होगा
वाह क्या उसने
मुझ में मेरे अंदर
का ढूँढ निकाला होगा
सब कुछ सही बस
सही बता डाला होगा
पहले लगा था बहुत
मासूमियत में उसने
कुछ कह दिया होगा
हुआ थोड़ा सा
आश्चर्य फिर अपने में
नहीं पहुँच पाया
जिस जगह तक
आज तक भी कभी
वो कैसे इतनी
आसानी से
पहुँच गया होगा
कुछ भी कभी भी
लिख लेने का
मतलब शायद
आवारगी हो गया होगा
तुझे नहीं पता होगा
उसे पता हो गया होगा ।
या गफलत में ही
कह गया होगा
उसने कहा और
मैंने सुना मेरे बारे में
मुझ से कुछ इस तरह
आवारा हो जाना सबके
बस में नहीं होता
जो हो लेता है बहुत
बड़ी शख्सियत होता है
तू अंदर से आवारा
आवारा हो गया है
सुनी सुनाई गजल
तक जैसे दिल
धीरे से चल दिया
"ये दिल ये पागल
दिल मेरा क्यों
बुझ गया आवारगी"
फिर लगा आवारा का
मतलब उसका कहीं
उठाईगीर से तो नहीं होगा
या कामचोर या आलसी
या फिर इधर उधर
घूमने वाला जैसा ही
उसे कहीं कुछ दिखा होगा
वाह क्या उसने
मुझ में मेरे अंदर
का ढूँढ निकाला होगा
सब कुछ सही बस
सही बता डाला होगा
पहले लगा था बहुत
मासूमियत में उसने
कुछ कह दिया होगा
हुआ थोड़ा सा
आश्चर्य फिर अपने में
नहीं पहुँच पाया
जिस जगह तक
आज तक भी कभी
वो कैसे इतनी
आसानी से
पहुँच गया होगा
कुछ भी कभी भी
लिख लेने का
मतलब शायद
आवारगी हो गया होगा
तुझे नहीं पता होगा
उसे पता हो गया होगा ।
बहुत सुंदर.
जवाब देंहटाएंनई पोस्ट : कुछ कहते हैं दरवाजे
बहुत सुंदर रचना...!
जवाब देंहटाएंRECENT POST - प्यार में दर्द है.
बहुत खूब !
जवाब देंहटाएंअच्छी है रचना ,बिम्ब भी आज का अभी का है।
जवाब देंहटाएंअच्छी है रचना ,बिम्ब भी आज का अभी का है।
जवाब देंहटाएंलहर दर लहर बहा सके बहा ले अपना घर
ना पानी की है
लहर ना हवा की है
लहर बस लहर है
कहीं किसी चीज की है
कहीं से कहीं के लिये चल रही है...
उलूक टाइम्स पर सुशील कुमार जोशी
बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएं--
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज शुक्रवार (21-03-2014) को "उपवन लगे रिझाने" (चर्चा मंच-1558) में "अद्यतन लिंक" पर भी है!
--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
--
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
सुन्दर रचना। सादर।।
जवाब देंहटाएंनई कड़ियाँ : विश्व किस्सागोई दिवस ( World Storytelling Day )
विश्व गौरैया दिवस
बढ़िया!
जवाब देंहटाएं