कुछ
अच्छे पर
कुछ
अच्छा कभी
कहा जाये
और
एक
किताब हो जाये
दिखे
रखी हुई
सामने से कहीं
किताबों की बीच
किताबों की भी
किताब हो जाये
किसकी
चाहत नहीं
होती कभी
बहुत सी
खुश्बू भरी
हुई कुछ
ऐसी ही एक
बात हो जाये
कल
दिखे तो
पढ़े कोई
परसों दिखे
फिर पढ़े कोई
पढ़ते पढ़ते
पता ना चले
दिन
हो कहीं
और कहीं
रात हो जाये
यहाँ
रोज लिखी
देखता है
बेवकूफी
की एक
बाराहखड़ी
सब
अच्छा सा
होता होगा कहीं
उसे
देखने की
आदत होगी
तुझे भी पड़ी
बात बात में
कुछ भी लिखे
को देख कर
बोल देता है
अब
एक किताब
हो जाये
ऐसे में
कुछ नहीं
कहा जाता
किसी से
कहा भी
क्या जाये
अनहोनियाँ
हो रही हैं
जिस तरह
आसपास
तेरे भी
और
मेरे भी
तू ही बता
कितने
दिनों तक
देख देख कर
सब कुछ
चुप रहा जाये
आज फिर
कह दिया
‘उलूक’ से
कह
दिया होगा
बहुत मेहरबानी
अगली
बार से
इसी बात को
फिर
ना कहा जाये
इस
तरह
की बातें
लिखी भी
जायें कहीं
लिखी
जाते ही
मिटा
भी दी जायें
गीता
नहीं लिखी
जा रही हो अगर
कहीं किसी से
फिर
से ना
कह दिया जाये
अब
किताब
हो जाये ।
अच्छे पर
कुछ
अच्छा कभी
कहा जाये
और
एक
किताब हो जाये
दिखे
रखी हुई
सामने से कहीं
किताबों की बीच
किताबों की भी
किताब हो जाये
किसकी
चाहत नहीं
होती कभी
बहुत सी
खुश्बू भरी
हुई कुछ
ऐसी ही एक
बात हो जाये
कल
दिखे तो
पढ़े कोई
परसों दिखे
फिर पढ़े कोई
पढ़ते पढ़ते
पता ना चले
दिन
हो कहीं
और कहीं
रात हो जाये
यहाँ
रोज लिखी
देखता है
बेवकूफी
की एक
बाराहखड़ी
सब
अच्छा सा
होता होगा कहीं
उसे
देखने की
आदत होगी
तुझे भी पड़ी
बात बात में
कुछ भी लिखे
को देख कर
बोल देता है
अब
एक किताब
हो जाये
ऐसे में
कुछ नहीं
कहा जाता
किसी से
कहा भी
क्या जाये
अनहोनियाँ
हो रही हैं
जिस तरह
आसपास
तेरे भी
और
मेरे भी
तू ही बता
कितने
दिनों तक
देख देख कर
सब कुछ
चुप रहा जाये
आज फिर
कह दिया
‘उलूक’ से
कह
दिया होगा
बहुत मेहरबानी
अगली
बार से
इसी बात को
फिर
ना कहा जाये
इस
तरह
की बातें
लिखी भी
जायें कहीं
लिखी
जाते ही
मिटा
भी दी जायें
गीता
नहीं लिखी
जा रही हो अगर
कहीं किसी से
फिर
से ना
कह दिया जाये
अब
किताब
हो जाये ।
वाह...क्या बात है...बिल्कुल सटीक भाव...
जवाब देंहटाएंबढ़िया प्रस्तुति सर , धन्यवाद :)
जवाब देंहटाएंInformation and solutions in Hindi ( हिंदी में समस्त प्रकार की जानकारियाँ )
बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
जवाब देंहटाएं--
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज बृहस्पतिवार (24-04-2014) को IPL के बुखार के बीच एक चर्चा { चर्चा - 1592 } में अद्यतन लिंक पर भी है!
--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
--
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
वाह, बहुत खूब!
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर.
जवाब देंहटाएं--
जवाब देंहटाएंकुछ भी लिखें
पर छपने लगे एक किताब
क्या जरूरी है ऐसा हो जाये
आज फिर
कह दिया
‘उलूक’ से
कह दिया होगा
बहुत मेहरबानी
अगली बार से
इसी बात को
फिर ना कहा जाये...
उलूक टाइम्सपरसुशील कुमार जोशी
सुन्दर भाव प्रबंध !
जी नमस्ते,
जवाब देंहटाएंआपकी लिखी रचना हमारे सोमवारीय विशेषांक
८ जुलाई २०१९ के लिए साझा की गयी है
पांच लिंकों का आनंद पर...
आप भी सादर आमंत्रित हैं...धन्यवाद।
वाह!!बहुत सुंदर !!
जवाब देंहटाएं
जवाब देंहटाएंयहाँ
रोज लिखी
देखता है
बेवकूफी
की एक
बाराहखड़ी
वाह्ह्ह बेहतरीन प्रस्तुति
वाह बहुत सुंदर।इतने अक्षरों,इतने शब्दों,इतने वाक्यों,इतने लेखों,कविता,कहानियोंऔर रचनाओं के बाद तो यहीं रहा जा सकता है कि एक किताब हो जाए।
जवाब देंहटाएंबेहतरीन 👌
जवाब देंहटाएंसादर
गीता
जवाब देंहटाएंनहीं लिखी
जा रही हो अगर
कहीं किसी से
फिर
से ना
कह दिया जाये
अब
किताब
हो जाये ।
बहुत सुन्दर....
वाह!!!