कल का लिखा
जब कोई नहीं
पढ़ पाया होता है
फिर क्यों आज
एक और पन्ना
और उठा कर
ले आया होता है
कितनी बैचेनी
हो जाती है
समझ में ही
नहीं आती है
बस यही बात
कई बार
बात के ऊपर
बात रखकर
जब फालतू में
इधर से उधर
घुमाया होता है
पता होता है
होता है बहुत कुछ
बहुत जगहों पर
पर तेरे यहाँ का
हर आदमी तो जैसे
एक अलग देश से
आया हुआ होता है
तेरी समस्याओं
का समाधान
शायद होता हो
कहीं किसी
हकीम के पास
आम आदमी
कहीं भी किसी
चिकित्सक ने
तेरी तरह का नहीं
बताया होता है
नहीं दिख रहा है
कोई बहुत दिनों से
काम में आता हुआ
अलग अलग दल के
महत्वपूर्ण कामों
के लिये बहुत से
लोगों को बहुत सी
जगहों पर भी तो
लगाया होता है
हैलीकाप्टर उतर
रहा हो रोज ही
उस खेत में जहाँ पर
अच्छा होता है
अगर किसी ने
धान गेहूँ जैसा
कुछ नहीं कहीं
लगाया होता है
आसमान
से उड़ कर
आने लगते हैं
गधे भी कई बार
‘उलूक’ ऐसे में ही
समझ में आ जाता है
तेरी बैचेनी का सबब
खुदा ने
इस जन्म में
तुझे ही बस
एक गधा नहीं
खाली बेकार
का लल्लू
यानि उल्लू
इसीलिये शायद
बनाया होता है
अपनी अपनी
किस्मत
का खेल है प्यारे
कुछ ही
भिखारियों
के लिये
कई सालों में
एक मौका
बिना माँगे
भीख मिल
जाने का
दिलवाया
होता है ।
जब कोई नहीं
पढ़ पाया होता है
फिर क्यों आज
एक और पन्ना
और उठा कर
ले आया होता है
कितनी बैचेनी
हो जाती है
समझ में ही
नहीं आती है
बस यही बात
कई बार
बात के ऊपर
बात रखकर
जब फालतू में
इधर से उधर
घुमाया होता है
पता होता है
होता है बहुत कुछ
बहुत जगहों पर
पर तेरे यहाँ का
हर आदमी तो जैसे
एक अलग देश से
आया हुआ होता है
तेरी समस्याओं
का समाधान
शायद होता हो
कहीं किसी
हकीम के पास
आम आदमी
कहीं भी किसी
चिकित्सक ने
तेरी तरह का नहीं
बताया होता है
नहीं दिख रहा है
कोई बहुत दिनों से
काम में आता हुआ
अलग अलग दल के
महत्वपूर्ण कामों
के लिये बहुत से
लोगों को बहुत सी
जगहों पर भी तो
लगाया होता है
हैलीकाप्टर उतर
रहा हो रोज ही
उस खेत में जहाँ पर
अच्छा होता है
अगर किसी ने
धान गेहूँ जैसा
कुछ नहीं कहीं
लगाया होता है
आसमान
से उड़ कर
आने लगते हैं
गधे भी कई बार
‘उलूक’ ऐसे में ही
समझ में आ जाता है
तेरी बैचेनी का सबब
खुदा ने
इस जन्म में
तुझे ही बस
एक गधा नहीं
खाली बेकार
का लल्लू
यानि उल्लू
इसीलिये शायद
बनाया होता है
अपनी अपनी
किस्मत
का खेल है प्यारे
कुछ ही
भिखारियों
के लिये
कई सालों में
एक मौका
बिना माँगे
भीख मिल
जाने का
दिलवाया
होता है ।
जवाब देंहटाएंbadhiyaa बढ़िया भाव प्रबंध
सर क्या समझेंगे वो क्योंकि बगल में लालटेन, ( छूरी ), मुह , में रा A म :)
जवाब देंहटाएंनवीन प्रकाशन - घरेलू उपचार ( नुस्खे ) - भाग - ८
~ ज़िन्दगी मेरे साथ - बोलो बिंदास ! ~ ( एक ऐसा ब्लॉग -जो जिंदगी से जुड़ी हर समस्या का समाधान बताता है )
बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
जवाब देंहटाएं--
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज बुधवार (23-04-2014) को जय माता दी बोल, हृदय नहिं हर्ष समाता; चर्चा मंच 1591 में अद्यतन लिंक पर भी है!
--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
--
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
बहुत सुंदर.
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर ...!
जवाब देंहटाएंआपकि बहुत अच्छी सोच है, और बहुत हि अच्छी जानकारी।
जवाब देंहटाएंजरुर पधारे HCT- Hindi Computer Tips