जो हो रहा था अच्छा हो रहा था
जो हो रहा है अच्छा हो रहा है
जो आगे होगा वो अच्छा ही होगा
बस तुझे
एक बात का ध्यान रखना होगा
एक बात का ध्यान रखना होगा
बंदर के बारे में
कुछ भी कभी भी नहीं सोचना होगा
बहुत पुरानी कहावत है
मगर बड़े काम की कहावत नजर आती है
जब मुझे
अपने दिमाग में घुसी भैंस नजर आती है
अपने दिमाग में घुसी भैंस नजर आती है
अब माना कि
अपनी ही होती है
पर भैंस तो भैंस होती है
उसपर
जब वो किसी के दिमाग में घुसी होती है
जब वो किसी के दिमाग में घुसी होती है
जरा जरा सी बात पर
खाली भड़क जाती है
कब क्या कर बैठे
किसी को बता कर भी नहीं जाती है
दूसरों को देख कर लगता है
उनकी भी कोई ना कोई
भैंस तो
जरूर होती होगी
भैंस तो
जरूर होती होगी
तो मुझे खाली
क्यों चिंता हो जाती है
अपनी अपनी भैंस होती है
जिधर करेगा मन
उधर को चली जाती है
उधर को चली जाती है
अब इसमें मुझे चिढ़ लग भी जाती है
तो कौन सी बड़ी बात हो जाती है
लाईलाज हो बीमारी
तब हाथ से निकल जाती है
अखबार की खबर से जब पता चलता है
कोई भी ऐसा नहीं है
मेरे सिवाय यहाँ पर
मेरे सिवाय यहाँ पर
जिसके साथ इस तरह की कोई अनहोनी होती हुई
कभी यहां पर देखी जाती है
कभी यहां पर देखी जाती है
होती भी है
किसी के पास एक भैंस
वो हमेशा तबेले में ही बांधी जाती है
सुबह सुबह से
इसी बात को सुनकर
दुखी हो चुकी
मेरे दिमाग की भैंस
मेरे दिमाग की भैंस
पानी में चली जाती है
तब से भैंस के जाते ही
सारी बात जड़ से खतम हो जाती है
परेशान होने की जरूरत नहीं
अगर आपके समझ में
'उलूक' की बात बिल्कुल भी नहीं आती है ।
'उलूक' की बात बिल्कुल भी नहीं आती है ।
चित्र साभार: http://wazaliart.blogspot.com/
बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
जवाब देंहटाएं--
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज बुधवार को (20-11-2013) जिन्दा भारत-रत्न मैं, मैं तो बसूँ विदेश : चर्चा मंच 1435 में "मयंक का कोना" पर भी होगी!
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
बहुत बढ़िया-
जवाब देंहटाएंआभार आदरणीय-
बहुत सुन्दर प्रस्तुति !
जवाब देंहटाएंसमझ में क्यों नहीं आती -भैंस बड़ी होती है दिमाग से क्योंकि भैंस में थोड़ी अक्ल भी होती है अक्ल में भैंस नहीं होती। भैंस बड़ी के अक्ल मुहावरे को आपने आज झुठला दिया। सिद्ध किया सबके दिमाग एक भैंस होती है अलग अलग नस्ल की।
बहुत सुंदर.
जवाब देंहटाएंआपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज सोमवार 16
जवाब देंहटाएंनवंबर 2020 को साझा की गई है.... "सांध्य दैनिक मखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
बहुत ही सराहनीय प्रस्तुति |
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