अपने पास
है
नहीं
है
नहीं
भाई
ऐसी चीज
पर
ऐसी चीज
पर
लिखने
को
कह जाता है
अभी तक
पता नहीं
हाथ
ही में
क्यों है
क्यों है
दिमाग
के
अंदर ही
क्यों
नहीं फिट
कर
दिया जाता है
मर जायेगा
अगर
नहीं पायेगा
नहीं पायेगा
हर कोई ऐसा जैसा
ही
दिखाता है
दिखाता है
छात्र छात्राओं
की
कापी पैन
और
और
किताब
हो जाता है
हो जाता है
पंडित मंत्र
पढ़ते पढ़ते
स्वाहा करना
ही
भूल जाता है
पढ़ाना
शुरु बाद में
होता है
शिक्षक
कक्षा के बाहर
पहले
चला जाता है
चला जाता है
लौट कर
आने
तक
समय ही
समय ही
समाप्त हो जाता है
मरीज की सांस
गले में
अटकाता है
अटकाता है
चिकित्सक
आपरेशन
के
बीच में
बोलना
जब
बोलना
जब
शुरु हो जाता है
बड़ी बड़ी
मीटिंग होती है
कौन
कितना बड़ा
आदमी है
घंटी की आवाज
से ही
पता चल जाता है
टैक्सी ड्राइवर
मोड़ों पर
दिल जोर से
धड़काता है
धड़काता है
आफिस
के
मातहत को
साहब का नंबर
साफ
बिना चश्में के
दिख जाता है
दिख जाता है
जवाब नहीं
देना चाहता है
जेब में होता है
पर
घर
छोड़ के आया है
कह कर
चला जाता है
चला जाता है
कामवाली
बाई से
बिना बात किये
नहीं
रहा जाता है
रहा जाता है
बर्तनो
में
बचा साबुन
खाने को जैसे
मुंह के अंदर ही
धोना चाहता है
सड़क पर चलता
आदमी
एक सिनेमाघर
एक सिनेमाघर
अपना
खुद हो जाता है
खुद हो जाता है
सब की
बन रही होती है
अपनी ही
फिल्म
फिल्म
दूसरे की
कोई नहीं
देखना चाहता है
बहुत
काम की चीज है
सब की एक
राय बनाता है
होना
अलग बात है
नहीं होना
ज्यादा फायदेमंद
बस
एक गधे को
ही
नजर आता है
नजर आता है
धोबी
के पास होने
पर भी
वो बहुत
वो बहुत
खिसियाता है
गधा
खुश हो कर
बहुत मुस्कुराता है
धोबी
ढूँढ रहा था
बहुत ही बेकरारी से
जब कोई
आकर
उसे बताता है
इससे
भी लम्बी
कहानी हो सकती है
अगर कोई
मोबाइल पर
कुछ और भी
लिखना
चाहता है ।
चित्र साभार:
https://www.gograph.com/
चाहता है ।
चित्र साभार:
https://www.gograph.com/
वाह मोबाइल पर कितना कुछ लिखा। स छोटी सी चीज़ की बडी करतूतें । आपको दीपावली की शुभ कामनाएँ।
जवाब देंहटाएंक्या बात है।
जवाब देंहटाएंदीपोत्सव की शुभकामनाएं।
http://www.parikalpnaa.com/2013/11/blog-post_4.html
जवाब देंहटाएंआभार !
हटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
जवाब देंहटाएं--
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज मंगलवार (05-11-2013) भइया तुम्हारी हो लम्बी उमर : चर्चामंच 1420 पर भी होगी!
--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
--
दीपावली के पंचपर्वों की शृंखला में
भइया दूज की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
सटीक बाते कही है रचना में जितना कहे कम लगता है :)
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया लगा पढ़कर , बहुत बहुत आभार !