निपट गयी जी
दीपावली की रात
पता अभी
नहीं चला वैसे
कहां तक पहुंची
देवी लक्ष्मी
कहां रहे भगवन
नारायण कल रात
किसी ने भी
नहीं करी
अंधकार प्रिय
उनके सारथी
उलूक की
कोई बात
बेवकूफ हमेशा
उल्टी ही
दिशा में
चला जाता है
जिस पर कोई
ध्यान नहीं देता
ऐसा ही कुछ
जान बूझ कर
पता नहीं
कहां कहां से
उठा कर
ले आता है
दीपावली की
रात में जहां
हर कोई दीपक
जला रहा था
रोशनी
चारों तरफ
फैला रहा था
अजीब बात
नहीं है क्या
अगर उसको
अंधेरा बहुत
याद आ रहा था
अपने छोटे
से दिमाग में
आती हुई एक
छोटी सी बात
पर खुद ही
मुस्कुरा रहा था
जब उसकी
समझ में
आ रहा था
तेज रोशनी
तेज आवाजें
साल के
दो तीन दिन
हर साल
आदमी कर
उसे त्योहार
का एक नाम
दे जा रहा था
इतनी चकाचौंध
और इतनी
आवाजों के बाद
वैसे भी कौन
देख सुन पाने की
सोच पा रहा था
अंधा खुद को
बनाने के बाद
इसीलिये तो
सालभर
अपने चारों
तरफ अंधेरा
ही तो फैला
पा रहा था
उलूक कल
भी खुश नहीं
हो पा रहा था
आज भी उसी
तरह उदास
नजर आ रहा था
अंधेरे का त्योहार
होता शायद
ज्यादा सफल
उसे कभी कोई
क्यों नहीं
मना रहा था
अंधेरा पसंद
उलूक बस
इसी बात को
नहीं पचा
पा रहा था ।
दीपावली की रात
पता अभी
नहीं चला वैसे
कहां तक पहुंची
देवी लक्ष्मी
कहां रहे भगवन
नारायण कल रात
किसी ने भी
नहीं करी
अंधकार प्रिय
उनके सारथी
उलूक की
कोई बात
बेवकूफ हमेशा
उल्टी ही
दिशा में
चला जाता है
जिस पर कोई
ध्यान नहीं देता
ऐसा ही कुछ
जान बूझ कर
पता नहीं
कहां कहां से
उठा कर
ले आता है
दीपावली की
रात में जहां
हर कोई दीपक
जला रहा था
रोशनी
चारों तरफ
फैला रहा था
अजीब बात
नहीं है क्या
अगर उसको
अंधेरा बहुत
याद आ रहा था
अपने छोटे
से दिमाग में
आती हुई एक
छोटी सी बात
पर खुद ही
मुस्कुरा रहा था
जब उसकी
समझ में
आ रहा था
तेज रोशनी
तेज आवाजें
साल के
दो तीन दिन
हर साल
आदमी कर
उसे त्योहार
का एक नाम
दे जा रहा था
इतनी चकाचौंध
और इतनी
आवाजों के बाद
वैसे भी कौन
देख सुन पाने की
सोच पा रहा था
अंधा खुद को
बनाने के बाद
इसीलिये तो
सालभर
अपने चारों
तरफ अंधेरा
ही तो फैला
पा रहा था
उलूक कल
भी खुश नहीं
हो पा रहा था
आज भी उसी
तरह उदास
नजर आ रहा था
अंधेरे का त्योहार
होता शायद
ज्यादा सफल
उसे कभी कोई
क्यों नहीं
मना रहा था
अंधेरा पसंद
उलूक बस
इसी बात को
नहीं पचा
पा रहा था ।
सुन्दर प्रस्तुति-
जवाब देंहटाएंदीप पर्व कि शुभकामनायें आदरणीय-
बहुत सुंदर.
जवाब देंहटाएंबहुत खूब !
जवाब देंहटाएंदीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं !
नई पोस्ट आओ हम दीवाली मनाएं!
वाह!!! बहुत सुंदर !!!!!
जवाब देंहटाएंउत्कृष्ट प्रस्तुति
बधाई--
उजाले पर्व की उजली शुभकामनाएं-----
आंगन में सुखों के अनन्त दीपक जगमगाते रहें------
बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
जवाब देंहटाएं--
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज मंगलवार (05-11-2013) भइया तुम्हारी हो लम्बी उमर : चर्चामंच 1420 पर भी होगी!
--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
--
दीपावली के पंचपर्वों की शृंखला में
भइया दूज की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'