कुछ इधर
की
बात कर
बात कर
कुछ उधर
की
बात कर
बात कर
करना बहुत
जरूरी है
बेमतलब
की
बात कर
बात कर
समझ में
कुछ आये
कहा कुछ
और
ही जाये
ही जाये
बातों की
हो बस बात
कुछ ऐसी
ही
ही
बात कर
इससे करे
तो
उसकी
उसकी
बात कर
उससे करे
तो
इसकी
इसकी
बात कर
जब हों
आमने
सामने
ये वो
तो
मौसम
की
बात कर
बात कर
कुछ भी
करना
हो
कर
कर
जैसे भी
करना
हो
कर
कर
बात करनी
ही
पड़े
तो
पड़े
तो
कुछ नियम
की
बात कर
बात कर
थोड़ी चोरी
भी
कर
कर
कुछ
बेईमानी
भी
कर
कर
बात पूरी
की
पूरी
पूरी
ईमानदारी
की
कर
कर
इसके पीने
की
कर
कर
उसके पीने
की
कर
कर
खुद
की
बोतल में
गंगाजल
होने
की
की
बात कर
कहीं भी
आग लगा
जो
मन में
आये जला
आसमान
से
बरसते
बरसते
हुऐ पानी
की
बात कर
बात कर
अपनी भूख
को बढ़ा
जितना
खा
सकता है
खा
खा
बात भूखे
की
कर
कर
बात गरीबों
की
कर
कर
बात
करनी है
जितनी
भी
भी
चाहे तू
कर
कर
बात करने
पर ही
नहीं लगता
है कर
यहां कोई
बात कर
वहां कोई
बात कर
बाकी पूछे
कोई कभी
कहना
ऊपर
वाले से
डर ।
डर ।
वाह! आज के हालात पर बहुत सटीक व्यंग...
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
जवाब देंहटाएं--
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज बुधवार को (27-11-2013) तिनके तिनके नीड़, चीर दे कई कलेजे :चर्चा मंच 1443 में "मयंक का कोना" पर भी होगी!
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
--
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
चुनाव का मौसम है ,झोलीभर वादा कर !अति सुन्दर
जवाब देंहटाएं(नवम्बर 18 से नागपुर प्रवास में था , अत: ब्लॉग पर पहुँच नहीं पाया ! कोशिश करूँगा अब अधिक से अधिक ब्लॉग पर पहुंचूं और काव्य-सुधा का पान करूँ | )
नई पोस्ट तुम
कुछ भी कर , मगर कर :) एक शेर याद आता है की
जवाब देंहटाएंबेकार मत बैठ कुछ किए जा
और नहीं तो फाड़े जा और सिये जा :O)