राकेट
बना के
उड़ा देना
एक बात है
राकेट
की खबर
बना के
उड़ाना
कुछ
अलग
बात है
धरातल पर
जो कभी नहीं
होने दिया जाता है
वो सब
कहीं ना कहीं
को भिजवा
दिया गया एक
राकेट हो जाता है
अब
उड़ चुका
राकेट होता है
किसी को
नजर भी
कहीं नहीं
आ पाता है
हर तरफ
होती है खबर
राकेट के
कहीं होने की
अखबार
वाला भी
खबर लेने
राकेट के
उड़ने के
बाद ही
पहुंच पाता है
राकेट
बनाने वाला
राकेट
के बारे में
बताते हुऐ
जगह जगह
पर नजर
आ जाता है
जहाँ
खुद नहीं
पहुँच पाता है
राकेट
बनाने वाली
टीम के
सदस्य को
भिजवा
दिया जाता है
जिसे राकेट
के बारे में
पता नहीं
होता है
उसे
कुछ नहीं
आता है
कह कर
बदनाम कर
दिया जाता है
अब
राकेट
तो राकेट
होता है
धरातल में
कहीं भी
नहीं होता है
बस
खबर उड़
रही होती है
राकेट का कहीं
भी अता पता
नहीं होता है
समझने
की थोड़ी
सी कोशिश
तो करिये जनाब
कितना
अजब और
कितना
गजब होता है
राकेट
बनाने वाला
बहुत चालाक
भी होता है
राकेट के
लौट के
आने का
कहीं
इंतजाम
नहीं होता है
कितने कितने
राकेट उड़ते
चले जाते हैं
बातें होती
ही रहती हैं
वो कभी भी
कहीं भी
लौट के
नहीं आते हैं ।
बना के
उड़ा देना
एक बात है
राकेट
की खबर
बना के
उड़ाना
कुछ
अलग
बात है
धरातल पर
जो कभी नहीं
होने दिया जाता है
वो सब
कहीं ना कहीं
को भिजवा
दिया गया एक
राकेट हो जाता है
अब
उड़ चुका
राकेट होता है
किसी को
नजर भी
कहीं नहीं
आ पाता है
हर तरफ
होती है खबर
राकेट के
कहीं होने की
अखबार
वाला भी
खबर लेने
राकेट के
उड़ने के
बाद ही
पहुंच पाता है
राकेट
बनाने वाला
राकेट
के बारे में
बताते हुऐ
जगह जगह
पर नजर
आ जाता है
जहाँ
खुद नहीं
पहुँच पाता है
राकेट
बनाने वाली
टीम के
सदस्य को
भिजवा
दिया जाता है
जिसे राकेट
के बारे में
पता नहीं
होता है
उसे
कुछ नहीं
आता है
कह कर
बदनाम कर
दिया जाता है
अब
राकेट
तो राकेट
होता है
धरातल में
कहीं भी
नहीं होता है
बस
खबर उड़
रही होती है
राकेट का कहीं
भी अता पता
नहीं होता है
समझने
की थोड़ी
सी कोशिश
तो करिये जनाब
कितना
अजब और
कितना
गजब होता है
राकेट
बनाने वाला
बहुत चालाक
भी होता है
राकेट के
लौट के
आने का
कहीं
इंतजाम
नहीं होता है
कितने कितने
राकेट उड़ते
चले जाते हैं
बातें होती
ही रहती हैं
वो कभी भी
कहीं भी
लौट के
नहीं आते हैं ।
रॉकेट के माध्यम से अच्छा व्यंग्य किया है आपने वर्तमान व्यवस्था पर ...
जवाब देंहटाएंbahut khub sr
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