कोई भी
समझदार
पुराना
हो जाने पर
कभी भी
भरोसा
नहीं करता है
इसी लिये
हमेशा
लम्बी रेस
का एक
घोड़ा होता है
पुराना
होने से
बचने का
तरीका भी
बहुत ही
आसान होता है
परसों तक
माना कि
बना रहा
कहीं एक
मकान होता है
आज
के दिन
एक बहुत
माना हुआ
बड़ा किसान होता है
किसी को
नजर भर
अपने को
देखने का
मौका नहीं देता है
जब तक
समझने
में आता है
किसी को
जरा सा भी
कुछ कुछ
आज के
काम को छोड़
कल के किसी
दूसरे काम
को पकड़ लेता है
एक ही
काम से
चिपके
रहने वाला
उसके
हिसाब से
एक गधा होता है
धोबी दर
धोबी के
हाथों में
होते होते
पुराने से पुराना
होता ही रहता है
धोबी
बदल देने
वाला गधा ही
बस खुश्किस्मत होता है
होता होगा
गधा कभी
किसी जमाने में
पर आज
के जमाने का
सबसे
मजबूत घोड़ा
बस वही होता है
रोज का रोज
एक नये
काम को
नये सिरे से
जो कर लेता है
किसी
के पास
इतना बड़ा
दिमाग ही
कहाँ होता है
जो ऐसों के
किये गये
काम को
समझ लेता है
एक ही
आयाम में
जिंदगी
काटने वालों
के लिये
वही तो
एक बहुआयामी
व्यक्तित्व होता है
जिसने
कुछ भी
कभी भी
कहीं भी
पूरा ही नहीं
किया होता है ।
समझदार
पुराना
हो जाने पर
कभी भी
भरोसा
नहीं करता है
इसी लिये
हमेशा
लम्बी रेस
का एक
घोड़ा होता है
पुराना
होने से
बचने का
तरीका भी
बहुत ही
आसान होता है
परसों तक
माना कि
बना रहा
कहीं एक
मकान होता है
आज
के दिन
एक बहुत
माना हुआ
बड़ा किसान होता है
किसी को
नजर भर
अपने को
देखने का
मौका नहीं देता है
जब तक
समझने
में आता है
किसी को
जरा सा भी
कुछ कुछ
आज के
काम को छोड़
कल के किसी
दूसरे काम
को पकड़ लेता है
एक ही
काम से
चिपके
रहने वाला
उसके
हिसाब से
एक गधा होता है
धोबी दर
धोबी के
हाथों में
होते होते
पुराने से पुराना
होता ही रहता है
धोबी
बदल देने
वाला गधा ही
बस खुश्किस्मत होता है
होता होगा
गधा कभी
किसी जमाने में
पर आज
के जमाने का
सबसे
मजबूत घोड़ा
बस वही होता है
रोज का रोज
एक नये
काम को
नये सिरे से
जो कर लेता है
किसी
के पास
इतना बड़ा
दिमाग ही
कहाँ होता है
जो ऐसों के
किये गये
काम को
समझ लेता है
एक ही
आयाम में
जिंदगी
काटने वालों
के लिये
वही तो
एक बहुआयामी
व्यक्तित्व होता है
जिसने
कुछ भी
कभी भी
कहीं भी
पूरा ही नहीं
किया होता है ।
घोड़े की रफ़्तार
जवाब देंहटाएंघोड़े की अति समझदारी उसे गधा बनाती है
पर गधा - घोड़े की नक़ल में खुद को सार्थक करता है
बहुत ही उम्दा,प्रस्तुति...!
जवाब देंहटाएंRECENT POST -: एक बूँद ओस की.
सभी सुधी रचनाकारों को गीता-जयंती की वधाई !
जवाब देंहटाएंसचमुच बहुत रोचक प्रस्तुति !!
सुंदर एवं रोचक.
जवाब देंहटाएंachcha h sir
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
जवाब देंहटाएं--
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज सोमवार (16-12-13) को "आप का कनफ्यूजन" (चर्चा मंच : अंक-1463) पर भी होगी!
--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
--
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'