जरा
सा भी
झूठ नहीं है
सच्ची में
सच
साफ
आईने
सा
यही है
जाति धर्म
झगड़े
फसाद
की जड़
रहा होगा
कबीर के
जमाने में
अब तो
सारी जमीन
कीटाणु
नाशक
गंगा जल से
धुल धुला कर
खुद ही
साफ
हो गयी है
नाम कभी
पहचान
नहीं हुऐ
जाति
नाम के पीछे
लगी हुयी
देखी गयी है
झगड़ा
ही खत्म
कर
गया ये तो
नाम
के आगे से
लग कर
सबकी
एक
ही पहचान
कर दी गयी है
पीछे से
धीरे धीरे
रबर से
मिटाना
शुरु कर
चुके हैं
देख लेना
बस कुछ
दिनों में
सारी
भीड़
एक नाम
एक जाति
एक धर्म
हो गयी है
काम
थोड़ा बढ़
गया है
मगर
आधार
पैन में
सुधार करने
के फारम में
नाम के
कॉलम
की जरूरत
अब रह भी
नहीं गयी है
सच में
सोचें
मनन करें
कितनी
अच्छी बात
ये हो गयी है
उलूक
तेरा कुछ
नहीं कर
पायेगा
वो भी
तेरे आगे
कुछ नहीं है
और तेरे
पीछे
भी नहीं है
रात
के अँधेरे में
पेड़ पर बैठ
चौकीदारी
बहुत कर
चुका तू
अब
सब जगह
हो गया
तू ही तू है
बस
तेरी ही
जरूरत
अब
कहीं
आगे
या पीछे
लगाने की
नहीं रह गयी है ।
चित्र साभार: blog.ucsusa.org
सा भी
झूठ नहीं है
सच्ची में
सच
साफ
आईने
सा
यही है
जाति धर्म
झगड़े
फसाद
की जड़
रहा होगा
कबीर के
जमाने में
अब तो
सारी जमीन
कीटाणु
नाशक
गंगा जल से
धुल धुला कर
खुद ही
साफ
हो गयी है
नाम कभी
पहचान
नहीं हुऐ
जाति
नाम के पीछे
लगी हुयी
देखी गयी है
झगड़ा
ही खत्म
कर
गया ये तो
नाम
के आगे से
लग कर
सबकी
एक
ही पहचान
कर दी गयी है
पीछे से
धीरे धीरे
रबर से
मिटाना
शुरु कर
चुके हैं
देख लेना
बस कुछ
दिनों में
सारी
भीड़
एक नाम
एक जाति
एक धर्म
हो गयी है
काम
थोड़ा बढ़
गया है
मगर
आधार
पैन में
सुधार करने
के फारम में
नाम के
कॉलम
की जरूरत
अब रह भी
नहीं गयी है
सच में
सोचें
मनन करें
कितनी
अच्छी बात
ये हो गयी है
उलूक
तेरा कुछ
नहीं कर
पायेगा
वो भी
तेरे आगे
कुछ नहीं है
और तेरे
पीछे
भी नहीं है
रात
के अँधेरे में
पेड़ पर बैठ
चौकीदारी
बहुत कर
चुका तू
अब
सब जगह
हो गया
तू ही तू है
बस
तेरी ही
जरूरत
अब
कहीं
आगे
या पीछे
लगाने की
नहीं रह गयी है ।
चित्र साभार: blog.ucsusa.org