समय आने
पर ही
सब कुछ
सीखा
जाता है
चिंता नहीं
करनी चाहिये
अगर किसी
चीज को
करना नहीं
आता है
अब कोई
माँ के पेट
से ही सब
कुछ कर
लेना सीख
नहीं पाता है
हर कोई
अभिमन्यु
जैसा ही
हो जाये
ऐसा भी
हर जगह
देखा नहीं
जाता है
ऐसा कुछ
हुआ था
कभी
बस
महाभारत
की कहानी
में ही सुना
जाता है
आश्चर्य भी
नहीं करना
चाहिये
अगर कोई
हलवाई
कपड़े सिलता
हुआ पाया
जाता है
कौन सा
गुनाह हो
गया इसमें
अगर कोई
डाक्टर मछली
पकड़ने को
चला जाता है
मेरी समझ
में बस इतना
ही नहीं
आ पाता है
थोड़ा सा
धैर्य रखने में
किसी का
क्या चला
जाता है
कोई माना
किसी को
खुश करने
के लिये कहीं
कठपुतली
का नाच
करवाता है
तालियां बजाने
के लिये
तुझे बुलाना
चाहता है
क्यों
सोचता है
तुझे तो
ताली बजाना
ही नहीं
आता है
चले जाना
चाहिये जब
सरकारी
खर्चे पर
बुलाया
जाता है
जब जायेगा
देखेगा
तभी तो
कुछ सीख
पायेगा
फिर मत
कहना कभी
बड़े बड़े
लोगों के
कार्यक्रमों
में तुझे
भाव ही
नहीं दिया
जाता है ।
पर ही
सब कुछ
सीखा
जाता है
चिंता नहीं
करनी चाहिये
अगर किसी
चीज को
करना नहीं
आता है
अब कोई
माँ के पेट
से ही सब
कुछ कर
लेना सीख
नहीं पाता है
हर कोई
अभिमन्यु
जैसा ही
हो जाये
ऐसा भी
हर जगह
देखा नहीं
जाता है
ऐसा कुछ
हुआ था
कभी
बस
महाभारत
की कहानी
में ही सुना
जाता है
आश्चर्य भी
नहीं करना
चाहिये
अगर कोई
हलवाई
कपड़े सिलता
हुआ पाया
जाता है
कौन सा
गुनाह हो
गया इसमें
अगर कोई
डाक्टर मछली
पकड़ने को
चला जाता है
मेरी समझ
में बस इतना
ही नहीं
आ पाता है
थोड़ा सा
धैर्य रखने में
किसी का
क्या चला
जाता है
कोई माना
किसी को
खुश करने
के लिये कहीं
कठपुतली
का नाच
करवाता है
तालियां बजाने
के लिये
तुझे बुलाना
चाहता है
क्यों
सोचता है
तुझे तो
ताली बजाना
ही नहीं
आता है
चले जाना
चाहिये जब
सरकारी
खर्चे पर
बुलाया
जाता है
जब जायेगा
देखेगा
तभी तो
कुछ सीख
पायेगा
फिर मत
कहना कभी
बड़े बड़े
लोगों के
कार्यक्रमों
में तुझे
भाव ही
नहीं दिया
जाता है ।
बहुत सुंदर.
जवाब देंहटाएंइस पोस्ट की चर्चा, बृहस्पतिवार, दिनांक :-24/10/2013 को "हिंदी ब्लॉगर्स चौपाल {चर्चामंच}" चर्चा अंक -33 पर.
जवाब देंहटाएंआप भी पधारें, सादर ....
बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंसाझा करने के लिए आभार।
बहुत सुन्दर प्रस्तुति। ।
जवाब देंहटाएंसुन्दर
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति...
जवाब देंहटाएंफिर मत कहना बडे बडे लोगों के जलसों में तुझे बुलाया कहां जाता है।
जवाब देंहटाएंवाह।