आँख में बहुत मोटा
चश्मा लगाता है
ज्यादा दूर तक
देख नहीं पाता है
लोगों से ही
सुनाई देता है
चाँद देखने के लिये
ही आता जाता है
वैसे किसी ने नहीं
बताया कभी आसमान
की तरफ ताकता हुआ
भी कहीं पाया जाता है
कोई क्यों परेशान
फिर हुआ जाता है
अपने आने जाने
की बात अपनी
घरवाली से कभी
नहीं छुपाता है
अपने अपने ढंग से
हर कोई
जीना चाहता है
कहाँ लिखा है
किसी किताब में
काम करने
की जगह पर
इबादत करने को
मना किया जाता है
छोटी छोटी बातों के
मजे लेना सीख
क्यों जान बूझ कर
मिर्ची लगा सू सू करने
की आदत बनाता है
क्या हुआ अगर कोई
अपनी कुर्सी लेकर ही
कहीं को चला जाता है
अपनी अपनी किस्मत है
जिस जगह बैठता है
वही हो जाता है
तुझे ना तो किसी
चाँद को देखना है
ना चाँद तेरे जैसे को
कभी देखना चाहता है
रात को बैठ लिया कर
घर की छत में
आसमान वाला चाँद
देखने के लिये कोई
कहीं टिकट
नहीं लगाता है
धूनी रमा लिया कर
कुर्सी में बैठना
सबके बस की
बात नहीं होती है
और फिर हर
किसी को कुर्सी पर
बैठने का तमीज
भी कहाँ आ पाता है ।
चश्मा लगाता है
ज्यादा दूर तक
देख नहीं पाता है
लोगों से ही
सुनाई देता है
चाँद देखने के लिये
ही आता जाता है
वैसे किसी ने नहीं
बताया कभी आसमान
की तरफ ताकता हुआ
भी कहीं पाया जाता है
कोई क्यों परेशान
फिर हुआ जाता है
अपने आने जाने
की बात अपनी
घरवाली से कभी
नहीं छुपाता है
अपने अपने ढंग से
हर कोई
जीना चाहता है
कहाँ लिखा है
किसी किताब में
काम करने
की जगह पर
इबादत करने को
मना किया जाता है
छोटी छोटी बातों के
मजे लेना सीख
क्यों जान बूझ कर
मिर्ची लगा सू सू करने
की आदत बनाता है
क्या हुआ अगर कोई
अपनी कुर्सी लेकर ही
कहीं को चला जाता है
अपनी अपनी किस्मत है
जिस जगह बैठता है
वही हो जाता है
तुझे ना तो किसी
चाँद को देखना है
ना चाँद तेरे जैसे को
कभी देखना चाहता है
रात को बैठ लिया कर
घर की छत में
आसमान वाला चाँद
देखने के लिये कोई
कहीं टिकट
नहीं लगाता है
धूनी रमा लिया कर
कुर्सी में बैठना
सबके बस की
बात नहीं होती है
और फिर हर
किसी को कुर्सी पर
बैठने का तमीज
भी कहाँ आ पाता है ।
ौर फिर हर किसी को कुर्सी पर बैठने की तमीज़ भी कहां आता है।
जवाब देंहटाएंक्या बात है, बहुत सही।
बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
जवाब देंहटाएं--
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज शनिवार (26-10-2013)
"ख़ुद अपना आकाश रचो तुम" : चर्चामंच : चर्चा अंक -1410 में "मयंक का कोना" पर भी होगी!
--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
--
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
अच्छी प्रस्तुति !
जवाब देंहटाएंआपको दीप पर्व की सपरिवार हार्दिक शुभकामनाएँ !
जवाब देंहटाएंकल 25/अक्तूबर/2014 को आपकी पोस्ट का लिंक होगा http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर
धन्यवाद !
सच कहा
जवाब देंहटाएंbahut zabardast.......umdaaa
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