कुछ दिन
अच्छा होता है
नहीं देखना
कुछ भी
अपनी
आँखों से
दिख रहे
सब कुछ में
कुछ दिन
अच्छा होता है
देखना
वो सब कुछ
जो सब को
दिखाई
दे रहा होता है
उनके अपने
चारों ओर
उनकी अपनी
आँखों से
रोज
अपने अपने
दिखाई दे रहे को
दिखाने की होड़ में
दौड़ लगा रहे
देखे गये
बहुत कुछ में
आँखें बन्द कर
देख लेने वालों का
देखा हुआ
रायते की
तरह फैला
देना सबसे
अच्छा होता है
जिसकी
आँख से
सब देखना
शुरु कर
दिये होते हैं
वो ईश्वर हो
चुका होता है
गाँधी
बहुत बौना
हो चुका
होता है
अपनी लाठी
पकड़े हुऐ
उसको
गाली देता
एक लोफर
गली का
एक झंडा लिये
अपने हाथ में
एक बेरंगे
हो गये रंग का
समय हो
चुका होता है
‘उलूक’
समय खोद
रहा होता है
समय को
समझने
के लिये
समय
इतिहास
हो गया
होता है
ऐसा
इतिहास
जिसमें
एक
कुत्ते का
गड्ढा खोदना
और उसमें
उसका
एक हड्डी
दबाना ही
बस इतिहास
रह गया होता है |
चित्र साभार: cliparts