कुत्ता होता मैं
धोबी का छोड़ कर किसी का भी होता
कहते हैं कुत्ता वफादार होता है
अगर मैं कुत्ता होता तो क्या वफादार होता ?
ये अलग प्रश्न है
थोड़ी देर के लिये सही
कुत्ता होने मे भी क्या परेशानी है ?
पूंछ हिलाता जीभ लपलपाता
डांठ पड़ने पर पूंछ अपनी दबाता
काश ! सब कुत्ते होते
सब कुत्ते होते तो फिर आदमी का क्या होता ?
तब शायद मुहावरा बनता
कुत्ते का आदमी वफादार होता है
आदमी बिन कुत्ता और कुत्ते बिन आदमी जंचता नहीं
कुत्ते भी रहें और आदमी भी
पर
कुत्ता बनने की प्रायिकता ज्यादा हो जाये
दोनो नहीं होंगे
तो आदमी कुत्ते को डांठेगा कैसे ?
और कुत्ता भीआदमी को काटेगा कैसे ?
फिर भी समझने की बात है
आदमी चाह रहा है एक कुत्ता बनना
क्योंकि आदमी चाहता है
पर काट नहींं पाता है
और कुत्ता आदमी की मौत नहींं मरता है
इन सब के बावजूद भी
काश ! मैं एक कुत्ता होता
नजर आता है
कुत्ता उनकी आगोश में सोता है
आदमी आगोश में होता है तो होश खोता है
आदमी का कुत्ता खुशनसीब है
कुत्ते का आदमी बदनसीब है
फिर भी आओ क्यों ना सब कुत्ते बन जायें
और आदमी से वफादारी निभायें
बतायें
कुत्ता हिन्दू नहीं होता है कुत्ता मुस्लिम नहीं होता है
कुत्ता क्षत्रिय नहीं होता है कुत्ता ब्राह्मिन नहीं होता है
और तो और कुत्ते का रिसरवेशन नहीं होता है
काश ! कुत्ता होता मैं और मुहावरा होता
कुत्ते का आदमी वफादार होता है ।