(उलूक को बहुत दूर
तक दिखायी नहीं देता है । कृपया दूर तक फैले
देश से जोड़ कर मूल्याँकन करने का कष्ट ना करें। जो
लोग पूजा में व्यस्त हैं अपनी आँखे बंद रखें। बैकुण्ठी के फिर से अवतरित होने के लिये मंत्र जपने शुरु
करें)
कई
दिन हो गये
जमा करते करते
कूड़ा
फैलाने की
हिम्मत ही नहीं
आ पा रही है
दो हजार
उन्नीस में
सुना गया है
चिट्ठाकारी
पर कोई
ईनाम
लेने के लिये
लाईन लगाइये
की मुनादी
करवायी
जा रही है
कई दिन से
ख्वाब में
मक्खियाँ ही
मक्खियाँ
नजर आ रही हैं
गिनना शुरु
करते ही
पता
चल रहा है
कुछ मकड़ी
हो चुकी हैं
खबरची
की खबर
बता रही है
मक्खियाँ
मकड़ी होते ही
मेज की
दूसरी ओर
चली जा रही हैं
साक्षात्कार
कर रही हैं
सकारात्मकता
के पाठ
कैसे
पढ़ाये जायेंगे
समझा रही हैं
मक्खियों
का राजा
मदमस्त है
लग रहा है
बिना अफीम
चाटे ही
गहरी नींद
आ रही है
खून
चूसने में
मजा नहीं है
खून
सुखाने के
तरीके
सिखा रही हैं
मकड़ियाँ
हो चुकी
मक्खियों के
गिरोह के
मान्यता प्राप्त
होने का सबूत
खबरचियों
की टीम
जुटा रही है
मकड़ी
नहीं हो सकी
मक्खियाँ
बुद्धिजीवियों
में अब
गिनी
जा रही हैं
इसलिये
उनके
कहने सुनने
लिखने पढ़ने
की बात
की बात
करने की
जरूरत ही
नहीं समझी
जा रही है
अखबार में
बस
मकड़ियों
की खबर
उनके
सरदार
के इशारों
से ही
छापी
जा रही है
गिरोह
की बैठकों
में तेजी
आती हुयी
नजर आ रही है
फिर किसी
बड़ी लूट की
लम्बी योजना पर
मुहर लगवाने के लिये
प्रस्ताव की
कापियाँ
सरकार
के पास
भेजी
जा रही हैं
अंग्रेजों के
तोड़ो और
राज करो
के सिद्धांत का
नया उदाहरण
पेश करने
की तैयारी है
एक
पुरानी दुकान की
दो दुकान बना कर
दो दुकानदारों
के लिये दो कुर्सी
पेश करने की
ये मारामारी है
गिरोह
की खबरें
छापने के लिये
क्या
मिल रहा है
खबरची को
खबर
नहीं बता रही है
हो सकता है
लम्बी लूट
की योजना में
उनको भी
कहा गया हो
उनकी भी
कुछ भागीदारी है
थाना कोतवाली
एफ आई आर
होने का
कोई डर हो
ऐसी बात
के लिये
कोई जगह
छोड़ी गयी हो
नजर
नहीं आ रही है
गिरोह
के मन मुताबिक
लुटने के लिये तैयार
प्रवेश
लेने वाले
अभ्यर्थियों की
हर साल
एक लम्बी लाईन
खुद ही
खुदकुशी
करने के लिये
जब
आ ही जा रही है
‘उलूक’
तू लिख
‘उलूक’
तू मत लिख
कुछ अलग
नहीं होना है
किसी भी जगह
इस देश में
सब वही है
सबकी
सोच वही है
तेरी खुजली
तुझे ही
खुजलानी है
इतनी सी अक्ल
तुझे पता नहीं
क्यों नहीं
आ पा रही है ।
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